पटना : “एक तरफ विधायक जेल में… दूसरी तरफ उनकी पत्नी टीचर की पोस्ट पर… लेकिन पर्दे के पीछे चल रही थी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी!
बिहार STF की जांच में सामने आया ऐसा नाम, जिसने पूरे सिस्टम को चौंका दिया.
सरकारी नौकरी की आड़ में सालों से चल रहा था बिजनेस का खेल!
अब ADG ने खुद लिखा लेटर— और शुरू हो गई कार्रवाई की उलटी गिनती…”
बिहार के दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इस बार मामला उनके परिवार से जुड़ा है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू कुमारी पर सरकारी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) को कार्रवाई हेतु पत्र लिखा है.
ADG (ऑपरेशन) कुंदन कृष्णन द्वारा भेजे गए पत्र में बताया गया है कि रिंकू कुमारी बिहार सरकार के अंतर्गत नियोजित शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं. इसके बावजूद वे ‘विजय कंस्ट्रक्शन कंपनी’ नामक एक निजी कंपनी में नवंबर 2017 से भागीदार के रूप में शामिल हैं.
ADG के अनुसार, यह स्थिति “बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 के नियम 16(1)” के तहत प्रतिबंधित और अनुशासनात्मक कार्रवाई योग्य है. सरकारी सेवा में रहते हुए किसी भी व्यावसायिक गतिविधि में भाग लेना नियमों के विरुद्ध है.
रिंकू कुमारी की पोस्टिंग पटना जिले के कोथवां मुसहरी स्थित प्राथमिक विद्यालय में है. वे 1 जुलाई 2006 से उसी स्कूल में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत हैं. यानी करीब 19 वर्षों से एक ही जगह पदस्थापित हैं.
यह पूरा मामला उस समय सामने आया जब बिहार STF द्वारा विधायक रीतलाल यादव से जुड़े एक पुराने केस की समीक्षा (Review) की जा रही थी. उसी दौरान विजय कंस्ट्रक्शन कंपनी की फर्म डिटेल्स में रिंकू कुमारी का नाम उजागर हुआ.
गौरतलब है कि रीतलाल यादव को एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के केस में कुछ दिन पहले पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पहले उन्हें बेउर जेल में रखा गया, बाद में सुरक्षा कारणों से भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया.
यह प्रकरण न केवल सरकारी सेवा में पारदर्शिता और अनुशासन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि विधायक परिवार से जुड़े हितों के टकराव को भी उजागर करता है.
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