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Politics : सेवा, संगठन और जीत के ‘चाणक्य’ माने जाते हैं रंजन कुमार!

मुजफ्फरपुर की सियासत में एक ऐसा नाम, जो संगठन की जड़ों को बूथ तक मज़बूती से गाड़ चुका है — रंजन कुमार। दो कार्यकाल तक भाजपा जिलाध्यक्ष रहते हुए उन्होंने न सिर्फ पार्टी का विस्तार किया, बल्कि जनसेवा को राजनीति का असली चेहरा बनाया। चाहे तिरंगा यात्रा का इतिहास रचना हो, चुनावी रणभूमि में जीत सुनिश्चित करनी हो, या गरीब और जरूरतमंद तक राहत पहुंचानी हो — रंजन कुमार हर मोर्चे पर डटे रहे, एक सच्चे कार्यकर्ता और रणनीतिकार की मिसाल बनकर।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और निवर्तमान जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने अपने दो कार्यकाल (दिसंबर 2019 – जनवरी 2025) में संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने और जनता से सीधा जुड़ाव बनाए रखने में मिसाल कायम की है। 1 अक्टूबर 1968 को जन्मे भूमिहार ब्राह्मण समाज के रंजन कुमार के पिता स्व. चंदेश्वर शाही जिला समाहरणालय, आरा में कार्यरत थे। स्नातक (कला) की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने युवावस्था से ही भाजपा और संघ के सांगठनिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी शुरू की।

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राजनीतिक सफर की शुरुआत
रंजन कुमार का भाजपा में सफर 1997 में भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ। 2010 से 2016 तक वे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश और केंद्र स्तर के शीर्ष नेताओं के मार्गदर्शन में कार्य करने का अनुभव प्राप्त किया। संगठन के सभी कार्यक्रमों और अभियानों में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई।

जिलाध्यक्ष के रूप में उपलब्धियां
दिसंबर 2019 में मुजफ्फरपुर जिलाध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने पार्टी की नीतियों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कई ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित किए। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में उन्होंने 4 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा आयोजित की, जिसमें 25,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। यह यात्रा बिहार की सबसे बड़ी तिरंगा यात्रा मानी गई। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत भी उन्होंने 8 किलोमीटर लंबी यात्रा का सफल नेतृत्व किया।

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कुढ़नी उपचुनाव (2022) में भाजपा प्रत्याशी केदार गुप्ता की जीत और नगर निगम चुनाव में महापौर पद पर निर्मला साहू की जीत में उनकी रणनीति निर्णायक रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की विशाल जनसभाओं का सफल आयोजन भी उनके कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों में शामिल है।

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लोकसभा चुनाव 2024 में योगदान
लोकसभा प्रवास योजना के तहत उन्होंने वैशाली संसदीय क्षेत्र में डेढ़ साल से अधिक समय तक संगठनात्मक गतिविधियों का संचालन किया। 2024 में मुजफ्फरपुर और वैशाली दोनों सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की भारी जीत में उनका योगदान अहम रहा। सदस्यता अभियान में मुजफ्फरपुर जिला पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा।

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सामाजिक योगदान और व्यक्तित्व
रंजन कुमार सिर्फ राजनीतिक गतिविधियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे एक संवेदनशील समाजसेवी भी हैं। कोरोनाकाल में उन्होंने 61 दिनों तक राहत अभियान चलाकर राशन, भोजन, वस्त्र, मास्क, सैनिटाइज़र और दवाएं जरूरतमंदों तक पहुंचाईं। दिव्यांगजन, वृद्ध और निर्धन छात्रों को नियमित सहयोग दिया। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने लघु और सूक्ष्म उद्योग योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद की।

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उनका कहना है कि “सेवा ही संगठन है” — यही उनके कार्य का मूल मंत्र है। वे मानते हैं कि केंद्र सरकार की विकास योजनाओं को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना ही ‘विकसित बिहार’ और ‘श्रेष्ठ भारत’ के निर्माण का आधार है।

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