पटना : जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, राजधानी पटना की सबसे प्रतिष्ठित सीटों में शामिल पटना सिटी विधानसभा पर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. इस सीट को एक बार फिर “हॉट सीट” माना जा रहा है, जहां एनडीए, इंडिया गठबंधन और जनसुराज के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है.
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एनडीए से फिर दांव पर नंदकिशोर यादव
भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर नंदकिशोर यादव को अपने तुरुप के इक्के के रूप में मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है.नंदकिशोर 1995 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं और वर्तमान में बिहार विधानसभा अध्यक्ष भी हैं।
पटना सिटी क्षेत्र में उनके द्वारा मरीन ड्राइव, गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, सड़कों की मरम्मत जैसी कई योजनाएं लागू की गई हैं।
स्थानीय जनता में उनकी पकड़ और प्रशासनिक अनुभव इस बार भी उन्हें मजबूत बनाता है।
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इंडिया गठबंधन की स्थिति
कांग्रेस और राजद, दोनों ही पार्टियां संभावित उम्मीदवारों को लेकर अभी मंथन कर रही हैं.
कांग्रेस से – राजकुमार राजन और शशांक शेखर के नाम चर्चा में हैं.
राजद से– बलराम चौधरी और मनोज मेहता के नाम सामने आए हैं, जिनमें जातीय समीकरण और ज़मीनी पकड़ अहम फैक्टर माने जा रहे हैं।
इंडिया गठबंधन प्रशासनिक विफलताओं, रोजगार संकट और नगर निगम की लापरवाहियों को मुख्य चुनावी मुद्दा बना रहा है।
जनसुराज भी तैयार
प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज भी पटना सिटी से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है. रंजीत प्रभाकर, जो आरसीपी सिंह के करीबी माने जाते हैं, पार्टी की ओर से संभावित चेहरा हो सकते हैं.
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पटना सिटी सीट पर जहां भाजपा अनुभव और स्थायित्व की छवि के साथ उतर रही है, वहीं विपक्षी दल बदलाव और नई सोच की बात कर रहे हैं. अब देखना होगा कि इस बार जनता किसे चुनती है – पुराना भरोसा या नई उम्मीद.
पटना सिटी से सुधांशु रंजन की रिपोर्ट …
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