पश्चिमी सिंहभूम: खनिज सम्पदा, आदिवासी जीवनशैली और जैव विविधता की भूमि
झारखंड के दक्षिण-पश्चिमी कोने में स्थित पश्चिमी सिंहभूम जिला, राज्य का सबसे बड़ा जिला होने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों, आदिवासी संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और जैवविविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के घने जंगल, पहाड़ी भूभाग, लौह अयस्क की खदानें, और आदिवासी जनजातियों की जीवनशैली इसे एक विशिष्ट पहचान प्रदान करते हैं।
यह जिला लौह अयस्क के विशाल भंडार के कारण भारत के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है, वहीं यहाँ की आदिवासी संस्कृति, विशेषकर हो जनजाति की परंपराएँ, इसे सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बनाती हैं।
एकीकृत सिंहभूम से दूसरा हिस्सा पश्चिमी सिंहभूम के रूप में सामने आया और कोल्हान प्रमंडल में शामिल हुआ | इसका मुख्यालय चाईबासा बनाया गया |
स्थिति:
स्थान: झारखंड के दक्षिण-पश्चिमी भाग में
प्रमंडल: कोल्हान प्रमंडल (मुख्यालय: चाईबासा)
जिला मुख्यालय: चाईबासा
स्थापना: 16 जनवरी 1956 (बिहार राज्य पुनर्गठन के बाद; ऐतिहासिक सिंहभूम का हिस्सा)
सीमाएँ:
उत्तर: सरायकेला-खरसावाँ, खूंटी
दक्षिण: ओडिशा राज्य (मयूरभंज, क्योंझर जिले)
पूर्व: पूर्वी सिंहभूम
पश्चिम: सिमडेगा जिला
भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:
क्षेत्रफल: ~5,291 वर्ग किमी (झारखंड का सबसे बड़ा जिला)
जनसंख्या (2011): ~15,02,338
पुरुष: ~7,49,385
महिलाएँ: ~7,52,953
जनसंख्या घनत्व: ~284 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात: 1005 (राज्य में सर्वाधिक)
साक्षरता दर: ~58.63%
पुरुष: ~70%
महिलाएँ: ~47%
राजनीतिक संरचना:
लोकसभा क्षेत्र: सिंहभूम (ST आरक्षित)
विधानसभा क्षेत्र:
- मंझगाँव (ST)
- जगन्नाथपुर (ST)
- चाईबासा (ST)
- मझगाँव (ST)
- चक्रधरपुर (ST)
- टोंटो (ST) (पूर्व में)
जातीय अनुपात (अनुमानित):
ST (जनजातीय): ~67% (मुख्यतः हो, मुंडा, संथाल, भूमिज)
SC: ~5%
OBC: ~18%
अन्य: ~10% (सवर्ण, मुस्लिम, ईसाई, अन्य)
प्रमुख भाषाएँ:
हो भाषा (मुख्य स्थानीय भाषा)
हिंदी
उराँव
संथाली
अंग्रेज़ी (शिक्षित वर्ग में)
बंगाली
नागपुरी, अन्य स्थानीय बोलियाँ
प्रमुख फसलें:
धान
मक्का
कोदो, गोंदली
तिलहन (सरसों, तिल)
दलहन (अरहर, चना)
हल्दी, अदरक
जड़ी-बूटियाँ व बाड़ी खेती
प्रमुख नदियाँ:
कोयल नदी
संबलपुर नदी
कोसाई नदी
अन्य स्थानीय जलधाराएँ
पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:
सरंडा वन क्षेत्र: एशिया का सबसे बड़ा सागवान (Teak) वन
नेचर टूरिज्म: बिरसा जंगल, गुवा पहाड़ी क्षेत्र
बंकीधार जलप्रपात
हातगमेश्वर धाम (चक्रधरपुर)
महुलिया, मंझगाँव मंदिर क्षेत्र
चक्रधरपुर रेलवे कॉलोनी व चर्च
औद्योगिक व विकास परियोजनाएँ:
लौह अयस्क खदानें: Gua, Kiriburu, Meghahatuburu (SAIL द्वारा संचालित)
खनिज आधारित उद्योग
चक्रधरपुर रेलवे मंडल — दक्षिण पूर्व रेलवे का महत्त्वपूर्ण केंद्र
बाँस व लकड़ी पर आधारित हस्तशिल्प
ग्रामीण पर्यटन व इको-टूरिज्म की संभावनाएँ
वन उत्पाद आधारित रोजगार परियोजनाएँ
शिक्षा:
Tata College, Chaibasa
Kolhan University (मुख्यालय: Chaibasa)
Women’s College, Chaibasa
Jawahar Navodaya Vidyalaya
St. Xavier’s School, चाईबासा
सरकारी + निजी विद्यालय (CBSE/JAC)
संस्कृति और परंपराएँ:
हो जनजाति की परंपराएँ — नृत्य, गीत, पारंपरिक पहनावा
लोक नृत्य: Mundari, Ho, Domkach, Jadur, Paika
प्रमुख पर्व: हो, सरहुल, करमा, मकर संक्रांति, दशहरा
परंपरागत हथकरघा, बाँस शिल्प
आदिवासी मेलों व हाट बाजारों की परंपरा
विशेषताएँ:
लौह अयस्क उत्पादन में अग्रणी जिला
प्राकृतिक वन सम्पदा से परिपूर्ण — सरंडा जंगल
आदिवासी परंपराओं की सजीव झलक
चक्रधरपुर — रेलवे के बड़े केंद्रों में से एक
खनिज, पर्यटन व वानिकी आधारित बहुआयामी संभावनाएँ
कोल्हान क्षेत्र का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और खनिज दृष्टि से केंद्रीय जिला
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