खूंटी : बिरसा मुंडा की धरती, शौर्य, संस्कृति और प्रकृति का प्रतीक
खूंटी, झारखंड के दक्षिणी भाग में स्थित, वीर भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध जिला है। यह जिला अपने घने जंगलों, हरे-भरे पहाड़ों, जलप्रपातों, जनजातीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम के योगदान के लिए जाना जाता है। “आदिवासी अस्मिता” का प्रतीक खूंटी आज भी पारंपरिक विरासत और आधुनिक विकास का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।
12 सितम्बर, 2007 में रांची से 6 प्रखंडों को अलग कर खूंटी जिला सृजित किया गया |
स्थिति:
स्थान: झारखंड के दक्षिणी भाग में
प्रमंडल: दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल (मुख्यालय — रांची)
जिला मुख्यालय: खूंटी नगर
स्थापना: 2007 (रांची से अलग होकर)
सीमाएं:
उत्तर: रांची
दक्षिण: पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा)
पूर्व: सरायकेला-खरसावाँ
पश्चिम: गुमला, सिमडेगा
भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:
क्षेत्रफल: 2,535 वर्ग किमी
जनसंख्या (2011): 5,31,885
पुरुष: 2,67,372
महिलाएँ: 2,64,513
जनसंख्या घनत्व: 210 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात: 989
साक्षरता दर: 63.86%
पुरुष: 74.23%
महिलाएँ: 53.32%
राजनीतिक संरचना:
लोकसभा क्षेत्र: खूंटी (ST आरक्षित)
विधानसभा क्षेत्र: कुल 3
- खूंटी (ST आरक्षित)
- तोरपा (ST आरक्षित)
- तमाड़ (ST आरक्षित)
जातीय अनुपात (अनुमानित):
ST (जनजातीय): ~70% (मुख्यतः मुंडा, उराँव, खड़िया)
SC (दलित): ~5%
OBC: ~15%
अन्य: ~10% (सवर्ण, मुस्लिम, अन्य समुदाय)
प्रमुख भाषाएँ:
हिंदी (नागपुरी, खोरठा)
मुंडारी (मुख्य जनजातीय भाषा)
उराँव (कुड़ुख)
अंग्रेज़ी
स्थानीय बोलियाँ
प्रमुख फसलें:
धान
मक्का
गेहूँ
अरहर, उड़द
रागी (मड़ुआ)
तिलहन
सब्जियाँ
फल एवं बाड़ी खेती
प्रमुख नदियाँ:
कोयल नदी (दक्षिण कोयल)
करम नदी
चटवा नदी
पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:
उलगुलान स्थल (बिरसा मुंडा का संघर्ष स्थल)
बिरसा मुंडा स्मारक संग्रहालय
डोम्बारी बुरु पहाड़ी — बिरसा मुंडा का ऐतिहासिक युद्ध स्थल
अंगरपथर जलप्रपात
पेरवाटोली जलप्रपात
घाघरी जलप्रपात
स्थानीय चर्च, मंदिर व पारंपरिक धार्मिक स्थल
औद्योगिक व विकास परियोजनाएँ:
खनिज: ग्रेनाइट, पत्थर
काष्ठ शिल्प व बांस उद्योग
कुटीर एवं हस्तशिल्प उद्योग
वन-उत्पाद आधारित लघु उद्योग
ग्रामीण पर्यटन
जैविक कृषि के लिए पहल
शिक्षा:
Birsa College, Khunti
Government Polytechnic, Khunti
Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya
Jawahar Navodaya Vidyalaya
CBSE/ICSE/झारखंड बोर्ड के विद्यालय
संस्कृति और परंपराएँ:
मुंडा, उराँव जनजातीय लोक संस्कृति
प्रमुख त्योहार: करम, सरहुल, मकर संक्रांति, बिरसा मुंडा जयंती, क्रिसमस
लोक नृत्य: पाईका नृत्य, झूमर, डोमकच
पारंपरिक हस्तशिल्प
आदिवासी हाट-बाजार और मेलों का आयोजन
विशेषताएँ:
भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली — राष्ट्रीय गौरव
उच्च जनजातीय अनुपात वाला जिला
समृद्ध प्राकृतिक सौंदर्य, पहाड़, झरने, वन्य क्षेत्र
जनजातीय आंदोलन और स्वाधीनता संग्राम का प्रमुख केंद्र
हस्तशिल्प, वन उत्पाद आधारित विकास की उच्च संभावनाएँ
जैविक खेती और ग्रामीण पर्यटन में संभावनाशील जिला
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