मुंगेर / बक्सर : गंगा के बढ़ते जलस्तर ने मुंगेर के जमालपुर अनुमंडल अंतर्गत तीन पंचायतों – सिंघिया, परहम और इन्द्ररूख पश्चिमी – के निचले इलाकों में बाढ़ का संकट गहरा दिया है. इन पंचायतों के गंगा किनारे बसे गांवों में पानी घर-आंगन तक पहुंच गया है. खेत-खलिहान डूब गए हैं और फसलें बर्बाद हो चुकी हैं.
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पशुपालकों को मवेशियों के चारे की विकराल समस्या झेलनी पड़ रही है. ग्रामीणों के अनुसार, कई जगहों पर जलजमाव के कारण मवेशी रोड पर आ गए हैं. रोज़मर्रा की जिंदगी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है.
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पिछले तीन-चार दिनों से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई गांवों में घरों में पानी घुस गया है. जिन खेतों में रोपनी नहीं हुई थी, वहां भी अब पानी भर गया है. इससे खेती-किसानी बुरी तरह प्रभावित हुई है.
ग्रामीणों की मानें तो यदि गंगा का जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा, तो आने वाले दिनों में रिहाइश और भोजन की विकट समस्या खड़ी हो सकती है. कई परिवार अब ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की तैयारी में हैं.
बक्सर : गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। खतरे के लाल निशान को पार कर चुका है। शहर के सभी 32 घाट जलमग्न हो गए हैं। घाट किनारे रहने वाले लोग डरे हुए हैं। उन्हें हर पल घर डूबने का डर सता रहा है। रामरेखाघाट समेत हर घाट पर गंगा का पानी तटवर्ती घरों तक पहुंच गया है। जिससे संकट और गहरा गया है।
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शिवपुरी मठिया मोड़ के पास मृत नहर और आसपास के इलाके में पानी का दबाव बढ़ गया है। हालात बिगड़ते देख समाजसेवी लोग मदद के लिए आगे आए हैं। बाढ़ पीड़ितों को खाने-पीने का सामान दिया जा रहा है। सहायक नदियों और नहरों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है। बक्सर-कोईलवर तटबंध के कई हिस्सों पर पानी का दबाव बढ़ गया है। इससे प्रभावित इलाकों में लोग जानमाल को लेकर चिंतित हैं।
मुंगेर से मिथुन कुमार / बक्सर से धीरज कुमार की रिपोर्ट …
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