फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश का फर्रूखाबाद ज़िला न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कृषि उत्पादन में भी अपनी खास पहचान रखता है. यहां की ज़मीन में वह खासियत है जो फलों को खास बना देती है, और जब बात आम की हो, तो फर्रूखाबाद का फ़जली आम देशभर में अपने स्वाद, आकार और मिठास के लिए प्रसिद्ध है.
क्या है खास फ़ज़ली आम में?
फ़जली आम का नाम सुनते ही आम प्रेमियों की जुबान पर पानी आ जाता है. यह आम अपने बड़े आकार, पतले छिलके और बेहद मीठे गुदे के लिए जाना जाता है. एक फ़ज़ली आम का वजन एक से डेढ़ किलो तक हो सकता है. इसकी खास बात यह है कि यह जितना बड़ा होता है, स्वाद में उतना ही लाजवाब होता है.
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इस आम में रेशे बहुत कम होते हैं और इसका गूदा बेहद मुलायम तथा सुगंधित होता है, जो इसे अन्य किस्मों से अलग बनाता है. यही वजह है कि फ़ज़ली आम न केवल घरेलू उपभोग में पसंद किया जाता है, बल्कि प्रोसेसिंग यूनिट्स में जैम, जूस और आम पल्प बनाने के लिए भी बड़े पैमाने पर प्रयोग होता है.
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फर्रुखाबाद की उपजाऊ मिट्टी का कमाल
फ़जली आम को फर्रूखाबाद की खास पहचान दिलाने में यहां की उपजाऊ दोमट मिट्टी और गंगा किनारे का जलवायु क्षेत्र बहुत मददगार साबित होता है. यहां के बागानों में आम के पेड़ों की देखभाल पारंपरिक तरीकों से की जाती है, जिससे इसकी प्राकृतिक मिठास और गुणवत्ता बनी रहती है.
देश-विदेश तक फेमस
हर साल जून से अगस्त के बीच जब फ़जली आम का सीज़न आता है, तो फर्रूखाबाद के बागों से देशभर में इसकी डिमांड बढ़ जाती है. दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों के व्यापारी यहां आकर फ़जलि आम की बुकिंग करते हैं. अब यह आम बांग्लादेश, खाड़ी देशों और यूरोप तक भी निर्यात होने लगा है.
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