बेगूसराय : हम पार्टी के नेता राकेश कुमार की हत्या के आरोपी डब्लू यादव का मंगलवार को शव बेगूसराय लाया गया. सोमवार तड़के यूपी एसटीएफ और बेगूसराय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसका एनकाउंटर हुआ था. वह 50 हजार का इनामी अपराधी था. शव जैसे ही साहेबपुर कमाल के संदलपुर गांव पहुंचा, हजारों की भीड़ जुट गई. ‘डब्लू यादव अमर रहे’ के नारे लगे. पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी हुई. लोगों ने आरोप लगाया कि उसे जाति देखकर मारा गया.
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डब्लू यादव की मां और चारों बेटियां शव से लिपटकर रोती रहीं. मां ने कहा- पुलिस ने पहले घर तोड़ा, अब बेटे को मार दिया. अब पोते-पोतियों को कौन देखेगा. गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया. ASI राघव कुमार सिंह, SI सुभाष चंद्र सिंह, SI अनिल पासवान, SI कौशलेंद्र कुमार सिंह सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे.
डब्लू की पत्नी सीता देवी पहले से जेल में है. वह संदलपुर पंचायत की सरपंच है. उसे सलाखों के पीछे से पति का अंतिम दर्शन कराया गया. वकील ने पैरोल की मांग की थी, लेकिन 7 अगस्त को जमानत पर सुनवाई तय होने के कारण पैरोल नहीं मिली.
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डब्लू यादव पर हत्या, रंगदारी, जमीन कब्जा जैसे 24 संगीन मामले दर्ज थे. इनमें 22 केस साहेबपुर कमाल थाना में, एक-एक केस बलिया और मुंगेर में दर्ज हैं. वह करीब 25 साल से अपराध की दुनिया में था. 1997 में मारपीट से शुरुआत की थी. 2006 में पहली बार रंगदारी के मामले में जेल गया. जेल से छूटने के बाद अपराधियों के संपर्क में आया. फिर हत्या, लूट, धमकी जैसे अपराध करने लगा.
2017 में फौजी महेंद्र यादव की बेटे के सामने हत्या करवाई थी. महेंद्र ने कोर्ट में गवाही दी थी. 2014 में योगेंद्र यादव से रंगदारी मांगी, नहीं देने पर गोली मारी. 2015 में रूपेश कुमार से 2 लाख की रंगदारी मांगी, जान से मारने की धमकी दी.
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2021 में पत्नी को सरपंच का चुनाव जितवाया. 2024 में हथियार के साथ पकड़ा गया. लंबे समय तक जेल में रहा. उसे शक था कि राकेश ने ही पकड़वाया. 24 मई को राकेश का अपहरण किया. 29 मई को उसकी लाश मुंगेर के लाल दियारा से बालू खोदकर निकाली गई.
18 जुलाई को बिहार पुलिस ने डब्लू को भगोड़ा घोषित किया. इसके बाद यूपी, दिल्ली, हरियाणा में छापेमारी हुई. 25 मई को वह एनसीआर भाग गया था. वहां भी गैंग बना रहा था. यूपी एसटीएफ को इनपुट मिला. बिहार एसटीएफ और बेगूसराय डीआईयू की टीम भी पहुंची. सोमवार को मुठभेड़ में मारा गया. मौके से पिस्टल बरामद हुई.
डब्लू के मरने के बाद गांव में सन्नाटा है. मां ने कहा- बेटा चला गया, बहू को छोड़ दो. राकेश के परिजन बोले- भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं.
लेखक परिचय: रंजीत कुमार सम्राट सहारा समय (डिजिटल) के बिहार हेड हैं. 20 साल से बिहार के हर जिले की सियासत पर गहरी नज़र रखते हैं. पिछले दो दशक से बिहार की हर खबर को अलग नजरिये से पाठक को समझाते रहे हैं.
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