लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को संसद परिसर में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बिहार में चल रही एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया को ‘बकवास’ बताया और कहा कि आयोग अब उस तरीके से काम नहीं कर रहा जैसा कि एक निष्पक्ष संस्था को करना चाहिए।
राहुल गांधी ने दावा किया कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में फर्जी वोटर जोड़ने की व्यापक साजिश के पुख्ता सबूत उनके पास मौजूद हैं। उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र देखा और वहाँ हजारों ऐसे नए मतदाता जोड़े गए जिनकी उम्र 45, 50 या 65 साल है। मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं और भाजपा के इशारे पर नए नाम जोड़े जा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “चुनाव आयोग इस भ्रम में न रहे कि वह बचकर निकल जाएगा। वोट चोरी के 100 प्रतिशत सबूत हमारे पास हैं और हम इसे जनता के सामने लाएंगे।”
बिहार में भी चुनावी गड़बड़ी का आरोप
इस मौके पर बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने भी चुनाव आयोग और विशेषकर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सीधे निशाना साधा। उन्होंने कहा, “एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह से तुगलकी फरमान है, जिसमें न प्रक्रिया का पालन हो रहा है, न पारदर्शिता है। बीएलओ खुद मनमानी तरीके से फॉर्म भर रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ता मतदाता सूची में नाम जोड़ने का काम कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जहां भी मतदाता जोड़ने का कार्य हो रहा है, वहाँ रसीद नहीं दी जा रही, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त पर बड़ा आरोप
कांग्रेस नेता अल्लावरू ने कहा, “अगर ऐसी प्रक्रिया जबरन बिहार पर थोपी जा रही है, तो इसका मतलब साफ है कि मुख्य चुनाव आयुक्त भाजपा के साथ मिलकर गरीब, दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग का वोट चोरी कर रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।”
इंडिया गठबंधन द्वारा संसद के भीतर और बाहर चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग तेज होती जा रही है। राहुल गांधी और कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि वे एसआईआर प्रक्रिया और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते रहेंगे।
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