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‘ईमानदारी विकल्प नहीं, बुनियाद है’: IFS Ashutosh Kumar के इस मंत्र से मजबूत हो रही ‘साइलेंट स्ट्रेंथ’ वाली कार्य-संस्कृति

Ashutosh Kumar - A Journey of Integrity, Excellence, and Service

पेशेवर क्षेत्रों में नैतिक मानकों और जिम्मेदार निर्णय-प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस दिशा में विशेष सचिव (विजिलेंस) के रूप में कार्यरत अशुतोष कुमार द्वारा संचालित प्रयासों ने ईमानदारी, दक्षता और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को नई गति प्रदान की है।

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विभिन्न संगठनों, विभागों और सेक्टर-विशिष्ट इकाइयों के साथ समन्वय के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रियाओं, अनुशासित कार्यप्रवाह और परिणाम-उन्मुख प्रणाली को आगे बढ़ाया गया है। सहयोगियों के अनुसार, इन पहलों ने एक “साइलेंट स्ट्रेंथ” का रूप लेकर कार्य-संस्कृति में विश्वास और भरोसे को मजबूत किया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग और ज्ञान-आदान-प्रदान के लिए ब्रिटेन, फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया और संयुक्त राष्ट्र से जुड़े कार्यक्रमों में भागीदारी की गई, जहाँ नीतिगत संवाद और विकास-उन्मुख विचारों पर चर्चा को विशेष महत्व दिया गया।

शैक्षणिक उपलब्धियों और पेशेवर निष्ठा के सम्मिलित प्रभाव ने पारदर्शिता-आधारित कार्य मॉडल को व्यवहार में उतारा है। इस संदर्भ में यह संदेश निरंतर साझा किया जाता रहा है—
“ईमानदारी कोई विकल्प नहीं, बल्कि वह बुनियाद है जिस पर विश्वास और सफलता खड़ी होती है.”
प्रेरक संदेशों के रूप में युवाओं को अनुशासन, निरंतर सीखने की भावना और जिम्मेदारी-आधारित नेतृत्व को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, ताकि वे अपनी पेशेवर यात्रा में स्थिरता और विश्वसनीयता को प्राथमिकता दें।

कौन हैं IFS Ashutosh Kumar?

आशुतोष कुमार 1991 बैच के IFS अधिकारी, जो आज भारत सरकार में विशेष सचिव (विजिलेंस) के रूप में सेवा दे रहे हैं. तीन दशक से अधिक का उनका सफर बताता है कि जब प्रशासन में ईमानदारी और दूरदर्शिता साथ चलती है, तो व्यवस्था में विश्वास बढ़ता है और बदलाव संभव होता है. अशुतोष कुमार ने अब तक राज्य और केंद्र सरकार के कई अहम मंत्रालयों संसदीय कार्य, श्रम और रोजगार, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, गृह मंत्रालय, ग्रामीण विकास, और रसायन एवं उर्वरक में योगदान दिया है. उन्होंने हमेशा प्रशासनिक निर्णयों में पारदर्शिता और मानव-संवेदना को प्राथमिकता दी, जिसे उनके सहयोगी एक “साइलेंट स्ट्रेंथ” के रूप में याद करते हैं.

छात्र जीवन से ही अशुतोष कुमार अपनी मेधा और मेहनत के लिए पहचाने जाते रहे हैं. निरंतर स्वर्ण पदक विजेता रहने वाले अशुतोष कुमार का मानना है कि सफलता ज्ञान से आती है, लेकिन महानता केवल ईमानदारी से. उनके इसी दृष्टिकोण ने उन्हें राष्ट्रपति पदक जैसे सम्मान से नवाजा.

यह विज्ञप्ति उन पहलों को रेखांकित करती है जिनका उद्देश्य संगठनों में नैतिक मानकों, पारदर्शिता और भरोसे की संस्कृति को और सुदृढ़ करना है।