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सिवान विधानसभा सीट: क्या जीवन यादव के टिकट से तय होगा किसकी होगी जीत?

सिवान: बिहार की किस्मत किसके सियाही से लिखा जाएगा यह भविष्य के गर्भ में है. लेकिन सभी दल सूबे के मुखिया की कुर्सी पर विराजमान होने की जुगत में भिड़े हुए हैं. चलिए इसी क्रम में अभी सिवान सदर विधानसभा सीट का विश्लेषण करते हैं.

सिवान विधानसभा सीट (105)
🔹जिला है :- सिवान
🔹लोकसभा सीट :- सिवान
🔹सांसद :- विजयलक्ष्मी कुशवाहा (JDU)
🔹विधायक :- अवध बिहारी चौधरी (RJD)

▪️संभावित प्रत्याशी :-
🔸MGB :- अवध बिहारी चौधरी (वर्तमान विधायक) , जीवन यादव (2024 लोकसभा उम्मीदवार)

🔸NDA :- मुकेश/बंटी कुशवाहा (पूर्व विधायक व्यास देव प्रसाद के बेटे) , हैप्पी यादव (पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव के पुत्र) , शिम्पी गुप्ता ,अनुराधा गुप्ता(पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष) ,राहुल तिवारी (पूर्व विधायक जर्नादन तिवारी के पोते) – BJP
अमित कुमार ,बबलू चौहान (जेडीयू)

🔸 JSP :-

▪️जातीय/धार्मिक समीकरण :- (अनुमानित)
यादव :: 13-14%
मुस्लिम :: 25.8%
वैश्य :: 14-15%
कुशवाहा :: 9-10%
SC :: 10.13%
कुर्मी :: 4.5-5.5%
भूमिहार :: 2.5-3%
ब्राह्मण :: 5.5-6.5%
राजपूत :: 3.5-4%
ST :: 2.33%

▪️मुद्दे :- रोजगार ,पलायन ,बंद पड़ी सूत मिल ,स्वास्थ्य

🔸विधानसभा चुनाव 2020 में RJD के अवध बिहारी चौधरी ने BJP के पूर्व विधायक व्यासदेव प्रसाद को करीबी लड़ाई में 1,973 वोटों के मामूली अंतर से हराया. अवध बिहारी को 76,785 वोट वही व्यासदेव प्रसाद को 74,812 मत मिले.

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🔸लोकसभा चुनाव 2024 में NDA(जेडीयू) के कैंडिडेट विजयलक्ष्मी कुशवाहा को 9,548 मतों से बढ़त मिली. दूसरे स्थान पर निर्दलीय चुनाव लड़ रही मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब रही. वही MGB उम्मीदवार अवध बिहारी तीसरे स्थान पर रहे.

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1) अवध बिहारी चौधरी सिवान के छठी बार के विधायक हैं. एक बार फिर दावेदारी कर रहे. महागठबंधन सरकार में विधानसभा स्पीकर भी थे. अवध बिहारी चौधरी को लेकर मुस्लिम और यादव समाज में काफी नाराजगी है . 1985 से फरवरी 2005 तक लगातार 5 चुनाव जीते . लेकिन उसके बाद से लगातार हार रहे थे. फिर लोजपा के चुनाव लड़ जाने की वजह से मामूली अंतर से चुनाव जीत गये. आम कार्यकर्ताओं और लोगों से दूरी रखने की वजह से युवा चौधरी को प्रोटोकॉल मिनिस्टर कहते हैं. इस बार आम आरजेडी कार्यकर्ताओं में जीवन यादव को लेकर बेहद क्रेज है. हालांकि जीवन यादव आरजेडी के अभी सदस्य तक नहीं हैं. लेकिन पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की सियासी लड़ाई वे स्थानीय स्तर पर लड़ते रहते हैं. यदि जीवन यादव को आरजेडी ने उम्मीदवार बना दिया तो एनडीए गठबंधन के लिए बेहद मुश्किल हो जाएगी यह सीट.

2) मुस्लिम बहुल सीट हैं. यादव ,कुशवाहा एवं वैश्य समाज के वोटरों की अहम भूमिका.

3) पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन परिवार का सिवान पर बड़ा दखल हैं. लोकसभा चुनाव में भी निर्दलीय हिना शहाब दूसरे स्थान पर रही थी.

4) पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव के बेटे हैप्पी यादव और व्यासदेव कुशवाहा के पुत्र बंटी कुशवाहा बीजेपी से टिकट के दौर में. पूर्व सांसद ओम प्रकाश यादव भी खुद के लिए टिकट चाहते हैं. बगावती तेवर भी दिखा चुके हैं. टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय भी लड़ सकते हैं. दारौंदा से भी दावेदारी कर रहे.

5) बीजेपी से व्यासदेव प्रसाद कुशवाहा लगातार तीन बार जीत सबसे सफल विधायक रहे. वहीं जनार्दन तिवारी कुल 4 बार विधायक रहे. 3 बार जनसंघ से एवं 1 बार बीजेपी से सिवान से विधायक रहे.