बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मंगलवार को एक अनोखा मामला सामने आया, जब भारतीय लोक चेतना पार्टी के प्रत्याशी राजेश कुशवाहा ने अपनी दादी के कथित अपहरण के विरोध में सारण समाहरणालय (कलेक्ट्रेट) के मुख्य द्वार पर धरना दिया. हाथ में बैनर लिए वे प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारे लगाते नजर आए.
कुशवाहा ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान उनकी दादी अचानक लापता हो गईं. उनका कहना है कि यह मामला पारिवारिक संपत्ति से जुड़े पुराने विवाद से जुड़ा है, जिसमें कुछ किराएदारों से चल रहा झगड़ा अब अपहरण में बदल गया. प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि “4-5 लोग गाड़ी से आए और दादी को जबरन अपने साथ ले गए. घटना को 12 घंटे से अधिक हो गए हैं, लेकिन पुलिस अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी है.”
उन्होंने कहा कि उन्होंने स्थानीय थाने, वरीय अधिकारियों, DM, SP और चुनाव आयोग तक शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई न होने से वे जनता के बीच न्याय की गुहार लगाने को मजबूर हुए. कुशवाहा ने आरोप लगाया कि “पुलिस प्रशासन चुनावी व्यस्तता का हवाला देकर गंभीर मामले को नजरअंदाज कर रहा है.”
कुशवाहा ने बताया कि उनकी दादी पहले भी विवाद को लेकर SP कार्यालय में आवेदन दे चुकी थीं, लेकिन उस पर कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा, “अगर पुलिस ने पहले कार्रवाई की होती तो आज अपहरण की नौबत नहीं आती. लोकतंत्र में चुनाव लड़ते हुए भी अगर इंसाफ नहीं मिले तो आम जनता क्या उम्मीद रखेगी?”
देर शाम तक वे अपने समर्थकों के साथ सारण कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे रहे और मांग की कि दादी को जल्द से जल्द बरामद किया जाए तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.


























