मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल बॉर्डर पर इन दिनों मानव तस्करी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. भारतीय लड़कियों को बहला-फुसलाकर नेपाल ले जाया जाता है और फिर वहां से खाड़ी देशों के एजेंटों को बेचा जाता है. लेकिन सीमा पर तैनात एसएसबी और कई सामाजिक संस्थाएं तस्करों के मंसूबे पर पानी फेरने में जुटी रहती हैं.
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इसी बीच रक्सौल स्थित मैत्री पुल के नजदीक एसएसबी और प्रयास संस्था के कार्यकर्ताओं ने एक युवक को पकड़ा, जो बुर्का पहने हुए एक लड़की को नेपाल ले जा रहा था. युवक ने अपना नाम मोहम्मद जहांगीर आलम बताया और वह पूर्वी चंपारण का निवासी है. जांच में पता चला कि उसने सीतामढ़ी की रहने वाली एक हिंदू लड़की को सोशल मीडिया पर प्रेमजाल में फंसाकर बहला-फुसला कर हथौड़ा नेपाल ले जाने की योजना बनाई थी.
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लड़की की काउंसलिंग के दौरान उसने बताया कि जहांगीर ने शादी का झांसा देकर उसे बेतिया में चार दिनों तक रखा और शारीरिक शोषण भी किया. 21 अगस्त को उसने योजना बनाई कि लड़की को नेपाल ले जाया जाएगा. रेस्क्यू टीम को शक तब हुआ जब लड़की बुर्का पहनने में असहज महसूस कर रही थी और लगातार संभालने में कठिनाई हो रही थी.
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बाद में लड़की के परिजनों से संपर्क किया गया. पता चला कि सीतामढ़ी के पुनौरा पुलिस थाना में पहले ही अपहरण के मामले में प्राथमिकी संख्या 189/25 दिनांक 26/08/25 दर्ज की गई थी.
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एसएसबी और प्रयास संस्था की महिला टीम ने समय रहते लड़की को सुरक्षित बचा लिया. अधिकारियों और सामाजिक संस्थाओं ने इस कार्रवाई को मानव तस्करी रोधी कार्यवाही का महत्वपूर्ण उदाहरण बताया. इस घटना ने रक्सौल बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी ध्यान आकर्षित किया है.
रिपोर्ट: ब्रजेश झा, मोतिहारी.