Advertisement

Bihar Election : सूरत जैसा कांड बिहार में भी? प्रशांत किशोर ने BJP पर लगाए गंभीर आरोप!

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि बिहार में चुनावी प्रक्रिया के दौरान उनके पार्टी के उम्मीदवारों पर सूरत जैसे दबाव बनाए गए.

Bihar : शेखपुरा में नए वोटर कार्ड 12 घंटे में घर-घर पहुंचाने का अभियान शुरू!

पीके ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान सूरत में भाजपा ने सभी विरोधी उम्मीदवारों को हतोत्साहित किया था, उसी तरह बिहार के तीन विधानसभा क्षेत्रों— दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर— में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों पर दबाव डालकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोका गया.

Bihar Election : नीतीश ने महिला कैंडिडेट को गले में माला पहनाई, संजय झा से बोले– हाथ काहे पकड़ते हो भाई?

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि इन क्षेत्रों में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य भाजपा नेता सक्रिय रूप से शामिल थे. उनका कहना है कि भाजपा नेताओं ने जन सुराज के प्रत्याशियों को नामांकन न करने या नॉमिनेशन वापस लेने के लिए मजबूर किया.

Bihar Election : महागठबंधन में खींचतान, NDA और INDIA गठबंधन में CM फेस नहीं!

उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनाव की निष्पक्षता के लिए गंभीर खतरा है. पीके ने मतदाताओं से अपील की कि वे लोकतंत्र की रक्षा करें और सही उम्मीदवार को चुनें.

Bihar Election : मंगलसूत्र पहना, सिंदूर लगाया लेकिन हलफनामे में लिखा ‘परित्यक्त नारी’—ज्योति सिंह का रोड शो!

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशांत किशोर के आरोप बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक तनाव बढ़ा सकते हैं. इस बयान के बाद बीजेपी और जन सुराज पार्टी के बीच विवाद बढ़ने की संभावना है.

Bihar Election : पप्पू यादव ने लालू यादव को दी नसीहत, गठबंधन धर्म निभाएं या अलग हो जाएं!

बीजेपी की ओर से फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. चुनाव आयोग से भी संभावना है कि वह इस आरोप की जांच करेगा और सुनिश्चित करेगा कि चुनावी प्रक्रिया स्वच्छ और निष्पक्ष रूप से पूरी हो.

Bihar Election : RJD ने टिकट काटा… रितु जायसवाल मंच पर फूट-फूटकर रो पड़ीं! बोलीं- पार्टी में दलालों का बोलबाला!

बिहार में चुनाव की सरगर्मी बढ़ रही है, ऐसे विवाद और आरोप मतदाताओं की सोच और मतदान व्यवहार पर असर डाल सकते हैं.