बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और आखिरी चरण की वोटिंग सोमवार को खत्म हो गई. अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर हैं, जब मतगणना के बाद नतीजे आएंगे. वहीं, वोटिंग के अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक अलग ही रूप देखने को मिला. वे मंगलवार को धार्मिक दौरे पर निकले—लेकिन इस दौरान एक बात ने सबका ध्यान खींचा—उन्होंने प्रसाद नहीं खाया.
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जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री सुबह सबसे पहले पटना के महावीर मंदिर पहुंचे. उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की और राज्य में शांति व विकास की कामना की. लेकिन जब पुजारियों ने उन्हें प्रसाद देने की कोशिश की, तो उन्होंने विनम्रता से इंकार कर दिया. सीएम ने सिर्फ हाथ जोड़कर भगवान को नमन किया और चुपचाप आगे बढ़ गए.
इसके बाद मुख्यमंत्री पटना हाईकोर्ट स्थित मजार पहुंचे. वहां उन्होंने चादरपोशी की और दुआ मांगी. मजार पर उनके सिर पर हरा साफा नजर आया. मजार से निकलने के बाद वे पटना सिटी स्थित तख्त श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा पहुंचे. वहां उन्होंने मत्था टेका और अरदास में हिस्सा लिया.
नीतीश कुमार का यह धार्मिक दौरा मतदान खत्म होने के बाद ऐसे वक्त में हुआ है जब राज्यभर में नतीजों को लेकर सियासी तापमान बढ़ा हुआ है. उनके “प्रसाद नहीं खाने” वाले फैसले को लेकर अब सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई है. कुछ लोग इसे उनके ‘व्रत या मनौती’ से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ इसे चुनावी नतीजों के प्रति उनकी आध्यात्मिक प्रतीक्षा का संकेत बता रहे हैं.
अब सबकी नजरें 14 नवंबर पर हैं, जब मतगणना के साथ यह तय होगा कि नीतीश कुमार की आस्था और भरोसे को जनता का कितना समर्थन मिला है.

























