नालंदा जिले के रहुई प्रखंड के पतासंग पंचायत का बंडोह गांव आजादी के 79 साल बाद भी पक्की सड़क को तरस रहा है. वार्ड संख्या-10 को जोड़ने वाली महज एक किलोमीटर लंबी कच्ची सड़क आज तक नहीं बन सकी है. बरसात के दिनों में यह रास्ता कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे छह गांव के हजारों लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है.
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ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र के विधायक डॉ. सुनील लगातार 20 साल से चुनाव जीतते आ रहे हैं. हर बार वे हाथ जोड़कर वोट मांगते हैं और पक्की सड़क का भरोसा दिलाते हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. नाराज ग्रामीणों ने साफ कहा है कि अगर इस बार भी सड़क नहीं बनी तो वे चुनाव में विधायक बदल देंगे.
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गांव के गनौरी प्रसाद, आलोक कुमार, पारस महतो और ब्रह्मदेव पंडित सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि यही कच्चा रास्ता रामडीह, छतरपुर, शाहपुर, अमरपुर, भागन बीघा और पतासंग गांव को रहुई रेलवे हॉल्ट और प्रखंड मुख्यालय से जोड़ता है. बारिश होते ही यह रास्ता दलदल में बदल जाता है. महिलाएं साड़ी उठाकर गुजरती हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पाते. सबसे अधिक दिक्कत बीमार पड़ने पर आती है, जब एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती और मरीजों को खटिया या ठेले पर उठाकर ले जाना पड़ता है. कई बार लोग फिसलकर घायल भी हो जाते हैं.
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ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह सड़क पक्की बन जाए तो रहुई हॉल्ट और प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा. इससे न सिर्फ दूरी कम होगी बल्कि समय की भी बचत होगी और गांव विकास की मुख्यधारा से जुड़ जाएगा. फिलहाल दक्षिण की ओर से एक सड़क है, लेकिन वह घुमावदार और काफी दूर है, जिससे लोगों को अतिरिक्त परेशानी उठानी पड़ती है.
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गांव की महिलाएं भी अब आवाज बुलंद कर रही हैं. गोबरी देवी, किरण देवी, कांति देवी, आशा देवी, मंजू देवी, कुसुम देवी और कौशल्या देवी ने सड़क समस्या को सबसे बड़ी समस्या बताते हुए सरकार से जल्द समाधान की मांग की है. उनका कहना है कि वर्षों से सड़क का वादा किया जा रहा है, लेकिन नतीजा शून्य है. अब गांव के लोग ठान चुके हैं कि अगर इस बार भी सड़क नहीं बनी तो विधायक बदलना तय है.
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ग्रामीणों का कहना है कि 20 साल से केवल आश्वासन पर जी रहे हैं. अब विश्वास टूट चुका है और लोग चुनावी मंच पर किए गए वादों को खोखला मानने लगे हैं. उनका कहना है कि जब तक सड़क नहीं बनेगी, तब तक गांव की बदहाली खत्म नहीं होगी.
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स्थानीय महिला रिंकू देवी, ग्रामीण गनौरी प्रसाद और श्याम नारायण प्रसाद ने भी गांव की समस्या को गंभीर बताते हुए सरकार से तत्काल सड़क निर्माण की मांग की है.