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Lakhisarai : नगर परिषद और जिला परिषद के बीच अधिकार क्षेत्र विवाद कोर्ट तक पहुँचा!

लखीसराय: नगर परिषद लखीसराय और जिला परिषद लखीसराय के बीच लंबे समय से चल रहा अधिकार क्षेत्र विवाद अब कोर्ट तक पहुँच गया है. इस मामले में नगर परिषद ने लखीसराय सब-जज प्रथम कोर्ट में टाइटल सूट सं.147/2025 दायर किया है, जिसमें शहरी क्षेत्र की सरकारी जमीन और केशरे हिंद की संपत्ति पर जिला परिषद के हस्तक्षेप को रोका जाने की मांग की गई है.

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नगर परिषद के सभापति अरविंद पासवान और कार्यकारी अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र की सभी सरकारी संपत्ति और केशरे हिंद की जमीनें नगर परिषद के अधीन हैं. उन्होंने कोर्ट में यह भी कहा कि जिला परिषद किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से रोकने के लिए तुरंत कदम उठाया जाए.

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नगर परिषद के अधिवक्ता कुमार विकास चंद्रा और वरीय अधिवक्ता सतीश कुमार पांडेय ने अदालत को बताया कि बिहार-उड़ीसा नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 100 के तहत शहरी संपत्ति पर सभी अधिकार नगर परिषद को ही प्राप्त हैं. उनका कहना है कि जब तक सरकार नई गजट या कानून जारी नहीं करती, तब तक जिला परिषद का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप अवैध माना जाएगा.

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वहीं, जिला परिषद के सचिव सह डीडीसी सुमित कुमार ने कहा कि शहरी क्षेत्र में सदियों से जिला परिषद की चिन्हित संपत्ति रही है और इसका कर वसूली का अधिकार भी उनके पास है. उन्होंने कहा कि अब मामला कोर्ट में है और अदालत का फैसला आने तक वे किसी तरह के कदम नहीं उठाएंगे.

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नगर परिषद और जिला परिषद के बीच यह विवाद शहरी क्षेत्रों में संपत्ति अधिकार और प्रशासनिक नियंत्रण को लेकर वर्षों से चलता आ रहा है. दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों का दावा है कि उनके अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. नगर परिषद का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में किसी भी सरकारी जमीन या संपत्ति पर जिला परिषद के हस्तक्षेप से शहरी विकास और प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो सकता है. वहीं, जिला परिषद का कहना है कि उनके पास सदियों से अधिकार और कर वसूली का अनुभव रहा है, इसलिए उनका हस्तक्षेप उचित है.

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इस मामले ने प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा कर दी है. स्थानीय अधिकारी और नागरिक इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कोर्ट का निर्णय किस पक्ष में जाएगा और इससे नगर परिषद और जिला परिषद के बीच सत्ता-संतुलन पर क्या असर पड़ेगा. अदालत का फैसला तय करेगा कि शहरी क्षेत्र की सरकारी संपत्ति पर वास्तविक नियंत्रण किसके पास है और भविष्य में दोनों संस्थाओं के बीच किसी भी प्रकार के टकराव को कैसे रोका जा सकता है.

रिपोर्ट: कृष्णदेव प्रसाद यादव, लखीसराय.