गोपालगंज जिले के हथुआ अनुमंडल कार्यालय में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब भोरे विधानसभा सीट से भाकपा माले प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को नामांकन के दौरान ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी की खबर फैलते ही अनुमंडल कार्यालय परिसर में मौजूद समर्थकों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी और पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
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सूत्रों के अनुसार, जितेंद्र पासवान विजयीपुर थाना क्षेत्र से वर्ष 2017 में दर्ज हत्या के प्रयास (धारा 307) के एक पुराने मामले में वांछित थे. कई बार अदालत की ओर से समन और वारंट जारी किए जाने के बावजूद वे पेश नहीं हो रहे थे, जिसके बाद अदालत ने कुर्की-जब्ती का आदेश दिया था. बुधवार को जैसे ही वे नामांकन दाखिल करने पहुंचे, पुलिस ने पूर्व से घेराबंदी कर उन्हें हिरासत में ले लिया.
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इस दौरान भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने इसे राजनीतिक साजिश बताया. समर्थकों का आरोप था कि पुलिस जानबूझकर लोकतंत्र पर हमला कर रही है और चुनावी प्रक्रिया में बाधा डालने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि नामांकन से ठीक पहले प्रत्याशी की गिरफ्तारी एक सुनियोजित कार्रवाई है.
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वहीं, हथुआ एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने अदालत के आदेश पर कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है और इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है.
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घटना के बाद हथुआ डीसीएलआर कार्यालय के बाहर कुछ देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया.
अनुज पांडेय, गोपालगंज.