बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच बड़ी खबर सामने आई है. जेडीयू के प्रदेश महासचिव डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार चंद्रवंशी को जक्कनपुर थाने की पुलिस ने फ्रॉड और ठगी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने दरभंगा के सकतपुर निवासी नितेश कुमार से नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 10 लाख रुपए ठगे.
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पीड़ित नितेश कुमार ने बताया कि वह बेरोजगार थे और डॉक्टर धर्मेंद्र की क्लिनिक पर समय-समय पर आते-जाते थे. इसी दौरान उनका बहनोई श्रवण कुमार उनसे मिला, और धर्मेंद्र ने उनसे मुलाकात की. धर्मेंद्र ने नौकरी के लिए पैसे देने की शर्त रखी. नितेश कुमार ने 2019-2020 के बीच कई किश्तों में लगभग 10 लाख रुपए धर्मेंद्र को दिए.
हर बार जब उन्होंने पैसे मिलने के बाद नौकरी के बारे में पूछा, तो धर्मेंद्र बस यही कहते रहे कि “बस 2-3 महीने में काम हो जाएगा.” लेकिन नतीजा शून्य रहा. पैसे मांगने पर उन्होंने इसे देने से साफ इनकार कर दिया. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि किस विभाग में नौकरी लगनी थी. पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है.
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यह पहली बार नहीं है जब धर्मेंद्र कुमार चंद्रवंशी का नाम विवादों में आया है. 2023 में वह जमीन से जुड़े फर्जी दस्तावेज के मामले में भी सामने आए थे, लेकिन उस समय जमानत मिल गई थी.
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सिटी एसपी पूर्वी परिचय कुमार ने बताया कि धर्मेंद्र चंद्रवंशी को चिटिंग और फ्रॉड के कई मामलों में वांछित चल रहा था. जांच के बाद गिरफ्तारी की गई. फिलहाल पुलिस उनकी संपत्ति और धन-लेन-देन का रिकार्ड भी खंगाल रही है.
इस गिरफ्तारी ने जेडीयू और पटना राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है. पार्टी के प्रदेश महासचिव पर लगे ठगी और भ्रष्टाचार के आरोप ने चुनावी माहौल को और जटिल बना दिया है.