नालंदा: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में बड़ा राजनीतिक विस्फोट हुआ है. टिकट बंटवारे के बाद पार्टी के अंदर असंतोष खुलकर सामने आ गया है. 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होते ही कई जिलों में कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व पर पैसे लेकर टिकट देने और डमी उम्मीदवार उतारने का गंभीर आरोप लगाया है.
बिहारशरीफ और नालंदा विधानसभा क्षेत्रों से टिकट की दावेदारी करने वाले कई स्थानीय नेताओं ने शुक्रवार को सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इनमें पूर्व जिला महामंत्री विनोद कुमार भी शामिल हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह “जन सुराज नहीं, टिकट बिक्री अभियान” है. उनका आरोप है कि प्रशांत किशोर की टीम से जुड़े अमन चौबे ने उनसे टिकट के लिए दो लाख रुपये की मांग की थी.
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विनोद कुमार के समर्थन में रहुई प्रखंड अध्यक्ष, महामंत्री और 15 पंचायतों की टीम ने भी इस्तीफा दे दिया है. वहीं युवा नेता रिशु वर्मा ने जन सुराज को “सबसे बड़ा राजनीतिक स्कैम” बताया. उन्होंने कहा कि पीएलसी कार्ड अभियान के नाम पर जनता का डेटा और मोबाइल नंबर इकट्ठा करना ही पार्टी का असली मकसद था.
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इधर नालंदा विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी करने वाले डॉ. प्रियदर्शी अशोक ने भी 200 समर्थकों के साथ पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. पार्टी नेतृत्व की ओर से फिलहाल इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन अंदरूनी कलह ने प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति को गहरा झटका दिया है.
वीरेंद्र कुमार, नालंदा.