जदयू में टिकट नहीं मिलने के बाद गोपालपुर के वरिष्ठ नेता गोपाल मंडल ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे. जीत के बाद उन्होंने यह भी कहा कि अपना समर्थन वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देंगे. मंडल ने कहा, हम नीतीश कुमार को ही अपना नेता मानते हैं.
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गोपाल मंडल ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर चार घंटे तक प्रदर्शन किया. हालांकि, जदयू के कुछ वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के कारण उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के नज़दीक कुछ तीन-चार ऐसे नेता हैं, जिनकी वजह से उनका टिकट कट गया.
मंडल ने आगे कहा कि उन्होंने लगातार निशांत कुमार को राजनीति में लाने का समर्थन किया. लेकिन कुछ जदयू के बड़े नेता इसे पसंद नहीं कर रहे थे, यही कारण है कि उनका टिकट नहीं मिला. उन्होंने जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार के बाद जदयू में कोई ऐसा नेता नहीं है, जो पार्टी को बचा सके, इसलिए निशांत को राजनीति में आगे आना चाहिए.
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, गोपाल मंडल का निर्दलीय चुनाव लड़ना जदयू के अंदरूनी मतभेद और टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष का संकेत है. मंडल के समर्थक और स्थानीय जनता पर यह कदम महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है. निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में गोपाल मंडल की घोषणा से गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र का चुनावी समीकरण बदल सकता है, खासकर जदयू समर्थक मतदाताओं के लिए.


























