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Sheikhpura : नदी वही, पानी वही… पर फैसला अलग! आखिर कब मिलेगा इंसाफ़?

शेखपुरा: जिले के घाटकुसुम्बा प्रखंड में शुक्रवार को हजारों ग्रामीणों ने सड़क जाम कर सरकार के खिलाफ खुला विद्रोह छेड़ दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि हरोहर नदी का पानी घाटकुसुम्बा और लखीसराय—दोनों इलाकों को डुबोता है, फिर भी सरकार ने सिर्फ लखीसराय को बाढ़ग्रस्त घोषित कर रखा है, जबकि घाटकुसुम्बा को मात्र जलजमाव क्षेत्र बताकर राहत और मुआवजा रोक दिया है.

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प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, नदी एक, पानी एक, तब दो फैसले क्यों? यह सरकार की दोहरी नीति का जीता-जागता उदाहरण है.” ग्रामीणों ने चेतावनी दी—“राहत नहीं तो वोट नहीं!

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लोगों का कहना है कि 2007 तक यह इलाका बाढ़ग्रस्त घोषित था, लेकिन 2008 से अचानक इसे जलजमाव क्षेत्र बताकर मुआवजा बंद कर दिया गया. कर्ज लेकर खेती करने वाले किसान हर साल बर्बाद हो रहे हैं और प्रशासन सिर्फ कागजी जांच तक सीमित है.

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उधर, एसडीओ रोहित कर्दम ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जिलाधिकारी से मिलवाया और आश्वासन दिया कि आवेदन पर कार्रवाई होगी. लेकिन ग्रामीणों का सवाल कायम है—“क्या हमारी जान-माल की कीमत सिर्फ सरकारी परिभाषा में फंस कर रह जाएगी?

रिपोर्ट: शिवचंद्र प्रताप उर्फ़ चंदन, शेखपुरा.