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Bihar News : थाईलैंड में जॉब के नाम पर बेच दिया गया युवक, म्यांमार सेना ने बचाई जान!

भारत में बेरोजगारी और बेहतर जीवन की तलाश लोगों को पलायन करने पर मजबूर कर रही है, लेकिन गयाजी के 35 वर्षीय धर्मेंद्र का मामला इस प्रवृत्ति का भयावह रूप सामने लाता है. मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी के आकर्षक वादे के नाम पर विदेश भेजे गए धर्मेंद्र मानव तस्करों के जाल में फंस गए. थाईलैंड और फिर म्यांमार पहुंचने के बाद उन्हें पता चला कि उनका सिलेक्शन किसी कॉर्पोरेट कंपनी के लिए नहीं, बल्कि साइबर स्कैम गिरोह के लिए किया गया था. तीन दिनों तक उन्हें बंधक बनाकर रखा गया. खाने तो दूर, पीने के लिए पानी तक नहीं दिया जाता था. किसी से बात करने की अनुमति नहीं थी और हथियारबंद गिरोह के सदस्यों की निगरानी में कैद रखा गया था.

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मामला तब सामने आया जब म्यांमार आर्मी ने छापेमारी कर गिरोह के अड्डे से धर्मेंद्र समेत 8 लोगों को रेस्क्यू किया. रेस्क्यू के बाद सभी को इंडियन एंबेसी को सौंपा गया और फिर धर्मेंद्र को भारत भेज दिया गया. वह रविवार को गयाजी अपने घर पहुंचा जहां परिवार ने राहत की सांस ली. धर्मेंद्र के घर आने पर मां और पत्नी फफक पड़ीं. मां ने कहा कि बेटे के बंधक बनाए जाने की खबर सुनने के बाद रातों की नींद गायब हो गई थी और नवजात पोते को देखकर मन और ज्यादा घबराता था. पत्नी नीलम ने साफ शब्दों में कहा कि अब धर्मेंद्र को बाहर नौकरी पर नहीं जाने देंगी.

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धर्मेंद्र ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण वह नौकरी की तलाश में थे. इसी दौरान एक दोस्त ने मुजफ्फरपुर के शुभम से संपर्क कराया. शुभम ने 27 हजार थाई करेंसी सैलरी, फाइव स्टार होटल, मल्टीनेशनल कंपनी और सुरक्षित वातावरण का दावा किया. धर्मेंद्र ने इंटरव्यू के सात राउंड पूरे किए और नौकरी की पुष्टि का मेल भेजा गया. 20 अक्टूबर को वह थाईलैंड पहुंचे जहां फाइव स्टार होटल में ठहराया गया. यहां फाइनल इंटरव्यू के बाद उन्हें ऑफिस ले जाने के नाम पर जंगलों की तरफ ले जाया गया और फिर तस्करों के हवाले कर दिया गया.

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गृह क्षेत्र के लोग इस घटना को पलायन के दुष्परिणाम के रूप में देख रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि रोजगार की कमी लोगों को धोखेबाज नेटवर्क के चंगुल में फंसा रही है और प्रशासन को ऐसे मामलों पर कड़ी निगरानी बढ़ानी चाहिए. दूसरी ओर धर्मेंद्र ने कहा कि अब वह किसी भी कीमत पर विदेश नहीं जाएंगे और परिवार के साथ यहीं रहकर बाकी जिंदगी बिताएंगे.