बिहार की राजनीति में नवनियुक्त पंचायती राज मंत्री दीपक प्रकाश को लेकर एक ऐसा खुलासा सामने आया है जिसने राजनीतिक माहौल में नई चर्चा छेड़ दी है. मंत्री बनने से कुछ महीने पहले तक दीपक प्रकाश चुनावी मैदान में उम्मीदवार के रूप में नहीं, बल्कि मतगणना अभिकर्ता यानी काउंटिंग एजेंट के रूप में मौजूद थे. वह भी किसी बड़े दल या अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए नहीं, बल्कि एक निर्दलीय प्रत्याशी रामायण पासवान के प्रतिनिधि के तौर पर.
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मामला सासाराम विधानसभा सीट से जुड़ा है. इसी सीट से दीपक प्रकाश की मां स्नेहलता कुशवाहा NDA की ओर से चुनाव लड़ रही थीं. चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प था, लेकिन मतदान के बाद अभी सबसे अधिक चर्चा इस बात की होने लगी है कि आखिर किस वजह से दीपक प्रकाश अपनी मां के बजाय एक निर्दलीय प्रत्याशी के लिए मतगणना केंद्र में बैठे?
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मतगणना के दिन दीपक प्रकाश पूरे समय काउंटिंग टेबल पर मौजूद रहे और वोटों की गिनती व रिकॉर्ड पर नजर बनाए रखी. सोशल मीडिया पर वायरल पहचान पत्र के अनुसार वे आधिकारिक रूप से निर्दलीय प्रत्याशी रामायण पासवान के काउंटिंग एजेंट थे. हालांकि जिस उम्मीदवार का वे प्रतिनिधित्व कर रहे थे, उन्हें कुल 327 वोट मिले और उनकी जमानत भी जब्त हो गई.
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राजनीतिक हलकों में अब यह चर्चा तेज है कि क्या दीपक प्रकाश का निर्दलीय प्रत्याशी का काउंटिंग एजेंट बनना सिर्फ औपचारिकता थी या यह पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने की एक ‘रणनीतिक चाल’ थी? माना जा रहा है कि यह संभवतः एक ऐसा कदम था जिससे दूर से दिखे निर्दलीय का समर्थन, लेकिन असल लक्ष्य सासाराम सीट की पूरी मतगणना पर करीबी नजर रखना था.
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दीपक प्रकाश के मंत्री बनने के बाद परिवारवाद और राजनीतिक विरासत को लेकर भी सवाल उठे हैं. पिता उपेंद्र कुशवाहा ने बिना चुनाव लड़े बेटे को कैबिनेट में शामिल करवा दिया, जिससे विरोधियों को आलोचना का नया मुद्दा मिल गया है. इसके साथ ही शपथ ग्रहण समारोह में जींस, शर्ट और चप्पल पहनकर पहुंचने के बाद उनके पहनावे को लेकर भी सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी थी.
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इन सबके बीच वायरल पहचान पत्र इस चर्चा को और हवा दे रहा है कि काउंटिंग टेबल से मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने तक की यह यात्रा संयोग है या एक सुविचारित राजनीतिक प्लान? फिलहाल सत्ता में आते ही दीपक प्रकाश सुर्खियों के केंद्र में हैं — पहले अपने साधारण पहनावे को लेकर, और अब काउंटिंग एजेंट के रूप में मिली भूमिका को लेकर.

























