कैमूर जिला के भभुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत सरेवां गांव का माहौल शुक्रवार को गमगीन हो गया, जब जम्मू के कटरा में तैनात सीआरपीएफ 76वीं बटालियन के जवान पप्पू राम का पार्थिव शरीर गांव लाया गया. गार्ड ऑफ ऑनर और सलामी के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
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परिजनों ने जवान की मौत को लेकर गहरी शंका जताई है. उनका कहना है कि जवान की मौत के कारणों की स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है. परिजनों ने आरोप लगाया कि जम्मू कंट्रोल रूम से बार-बार संपर्क करने के बावजूद किसी ने सही जानकारी नहीं दी. अंततः इसे आत्महत्या बताकर शव गांव भेजा गया. हालांकि, परिजन इसे सुसाइड मानने से इनकार कर रहे हैं और सरकार से जांच की मांग की है.
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मृतक जवान पप्पू राम, संतोष राम के पुत्र थे. वे 2010 से जम्मू में सेवाएं दे रहे थे. हाल ही में नागपुर में हवलदार के पद पर प्रमोशन मिलने के बाद ट्रेनिंग पूरी की थी. उनकी मौत ने परिवार और गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है. पप्पू राम अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे. उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है.
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जवान के बहनोई विकल्प कुमार ने कहा— “हमें यह नहीं लग रहा कि उन्होंने सुसाइड किया है. सरकार से मांग है कि मौत की जांच कराई जाए, अन्यथा हम खुद जम्मू जाकर सही जानकारी लाएंगे.”
वहीं जम्मू से शव लेकर आए नागेंद्र कुमार पाल ने बताया कि उन्हें केवल पार्थिव शरीर गांव तक पहुंचाने का निर्देश मिला था, पर वरिष्ठ अधिकारियों ने मौत के कारणों पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी.
गांव पहुंचते ही हजारों की संख्या में लोग जवान को अंतिम विदाई देने उमड़ पड़े. पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है और लोग सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं.
अजीत कुमार, कैमूर.