बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक अनोखा नज़ारा किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला. यहां AIMIM उम्मीदवार तौसीफ आलम के नामांकन कार्यक्रम में बिरयानी की लूट मच गई. नामांकन करने के बाद तौसीफ आलम ने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के लिए फातिहा ख्वानी कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें नॉनवेज दावत रखी गई थी.
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मौके पर हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी. जैसे ही बिरयानी के डिब्बे बांटे जाने लगे, समर्थक थालियों पर टूट पड़े. देखते ही देखते माहौल अफरातफरी में बदल गया—लोग एक-दूसरे से प्लेटें छीनने लगे, धक्का-मुक्की और मारपीट शुरू हो गई. स्थिति ऐसी हो गई कि आयोजकों को कार्यक्रम बीच में ही रोकना पड़ा.
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तौसीफ आलम ने बताया कि यह एक धार्मिक कार्यक्रम था, जिसमें बिरयानी को प्रसाद के तौर पर बांटा जा रहा था. उन्होंने कहा, हमने करीब 2000 लोगों के लिए परमिशन ली थी, लेकिन उम्मीद से कई गुना भीड़ आ गई. हमारा मकसद श्रद्धा से खिलाने का था, लेकिन कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ दिया.
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि नामांकन से पहले यह कार्यक्रम चुनावी शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा था. लेकिन जब भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई, तो “राजनीति की बिरयानी” मज़ाक बन गई.
सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. यूजर्स ने मजे लेते हुए लिखा—“कहीं वोट बिरयानी से तो नहीं खरीदे जा रहे?” तो कुछ ने कहा—“यह बिहार चुनाव नहीं, बिरयानी महोत्सव है!”
एक ओर जहां राजनीतिक गलियारों में इस घटना पर चटकारे लिए जा रहे हैं, वहीं प्रशासन अब सुरक्षा व्यवस्था पर सवालों का सामना कर रहा है.
रजी अहमद, किशनगंज.