पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षा क्षेत्र में बड़ा निर्णय लिया गया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राज्य के 16 जिलों में 19 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में देश भर में कुल 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी गई, जिन पर लगभग 5862 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
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इन 57 केंद्रीय विद्यालयों में से 7 विद्यालय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आएंगे, जबकि शेष 50 विद्यालयों का संचालन राज्य सरकार करेगी. राज्य सरकार द्वारा संचालित इन 50 विद्यालयों में से 20 ऐसे स्कूल होंगे, जिन्हें उन जिलों में खोला जाएगा जहाँ पहले से कोई केंद्रीय विद्यालय नहीं है. इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के शिक्षा स्तर को बढ़ाना और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना बताया गया है.
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बिहार में जिन जिलों में नए केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे, उनमें सीतामढ़ी, कटिहार, कैमूर, झंझारपुर, मधुबनी, मधेपुरा, शेखपुरा (शेखोपुरसराय), शेखपुरा (जमौरा एवं कटनीकोल), पटना (वाल्मी), अरवल, पूर्णिया, आरा (भोजपुर), मुजफ्फरपुर, मुंगेर टाउन, पटना (दीघा), दरभंगा (नंबर 3), भागलपुर टाउन, बिहारशरीफ शहर और बोधगया शामिल हैं.
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शिक्षा विभाग ने बताया कि इन विद्यालयों में आधुनिक सुविधाओं, विज्ञान प्रयोगशालाओं, खेल और अन्य पाठ्येतर गतिविधियों की व्यवस्था की जाएगी. इन स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ने से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के बच्चों को राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा.
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इस पहल को बिहार के शिक्षा क्षेत्र में सशक्त और समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.