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Politics : मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव पर गंभीर आरोप: फर्जी डिग्री, कोर्ट में फरारी और करोड़ों के घोटाले का आरोप!

सुपौल: जिला जन सुराज कार्यालय में सोमवार को आरटीआई कार्यकर्ता सह जन सुराज नेता अनिल कुमार सिंह ने बिहार सरकार में मंत्री और सुपौल विधायक बिजेंद्र प्रसाद यादव पर कई सनसनीखेज़ आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि मंत्री अपने 35 साल के राजनीतिक करियर में खुद को कोसी का विश्वकर्मा और ईमानदार नेता बताते रहे, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है.

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अनिल कुमार सिंह के अनुसार, मंत्री ने 2005, 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे (एफिडेविट) में खुद को बीएससी (विज्ञान स्नातक) बताया था. जबकि वास्तविकता यह है कि उनकी उच्चतम डिग्री केवल उच्च माध्यमिक है और बीएससी की डिग्री फर्जी है.

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उन्होंने यह भी दावा किया कि पटना कोर्ट में 1992 में दर्ज एक मामले में मंत्री के खिलाफ वारंट और कुर्की-जब्ती का आदेश जारी हुआ था, और 8 मार्च 2000 से उन्हें अदालत ने फरार घोषित कर रखा है. इसके बावजूद मंत्री पद पर रहते हुए 2000 से 2006 तक उन्होंने न्यायालय को गुमराह किया.

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आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि सुपौल जिले में राष्ट्रीय सार्वजनिक मेला की लगभग 13 बीघा 9 कट्टा जमीन (करीब 64 करोड़ की संपत्ति) पर मंत्री ने कब्जा कर लिया. आरोप है कि मंत्री ने अपने समर्थक अफसरों की मदद से राष्ट्रीय मेला समिति नामक एनजीओ बनाकर यह खेल रचा और करोड़ों की हेराफेरी की.

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उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले में भी मंत्री की भूमिका रही है. इस मामले में उनके करीबी अफसर और तत्कालीन प्रधान सचिव संजीव हंस जेल भी जा चुके हैं. इस मामले में ईडी ने भी जांच दर्ज की है.

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अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि मंत्री बनने के बाद उनके बेटे विकास कुमार सहित सभी नजदीकी रिश्तेदार करोड़पति बन गए. सुपौल और कोसी के सभी सरकारी ठेकों पर मंत्री के रिश्तेदारों का कब्जा है. जिनमें कैलाश प्रसाद यादव, गणपति कंस्ट्रक्शन, राजेश कुमार यादव, रामानंद यादव, अजय उर्फ ललटू यादव, ज्ञानेंद्र यादव, महेंद्र यादव समेत कई नाम शामिल हैं. इसके अलावा, मंत्री के पीए बिनोद भगत की नियुक्ति भी अवैध बताई गई है.

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अनिल कुमार सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री ने अपने दबदबे का इस्तेमाल कर बहन कमला देवी को जिला परिषद का अध्यक्ष बनवाया. इसके लिए कई सदस्यों पर दबाव और गिरफ्तारी तक की नौबत आई. बाद में परिषद के सारे ठेके मंत्री के बेटे द्वारा नियंत्रित किए जाने लगे.

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अनिल कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि वह लगातार मंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने मांग की कि मंत्री पर लगे इन आरोपों की जांच होनी चाहिए और सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए.

अख्तरुल इस्लाम, सुपौल.