पटना: बिहार में दशहरे के अवसर पर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. इस बार सामाजिक और धार्मिक पर्व का असर चुनावी राजनीति पर भी साफ दिखाई दे रहा है. बिहार बीजेपी ने अपने X (पूर्व Twitter) सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को “कलयुग का रावण” करार दिया.
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बीजेपी के पोस्टर में त्रेता युग के रावण की तस्वीर के साथ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की तस्वीरें रखी गईं. पोस्ट में लिखा गया है,
“मातृ शक्ति के अपमान का प्रतीक रावण आज भी मौजूद है, बस चेहरा बदल गया है. जिन्होंने मां जानकी का अपहरण किया और उनका अपमान किया, उनका अंत जनता तय करेगी. कलयुग के रावण वही हैं.”
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बीजेपी का यह पोस्टर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और राजनीतिक हलकों में इसे लेकर बहस छिड़ गई है. बीजेपी ने इसे जनता को जागरूक करने और विपक्ष की आलोचना करने का तरीका बताया.
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वहीं, RJD ने भी X हैंडल से रावण दहन का वीडियो साझा किया और बीजेपी के आरोपों का जवाब दिया. 15 सेकंड के वीडियो में कहा गया,
“20 साल का अहंकार, रावण जैसी ये सरकार अब होगा इसका संहार. आ रहे हैं तेजस्वी दिन.”
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वीडियो में RJD ने स्पष्ट किया कि अफसरशाही, अहंकार, भ्रष्टाचार और झूठे सरकारी प्रचार के रावण का अंत होना चाहिए. पार्टी का दावा है कि जब तेजस्वी यादव की अगुवाई में सरकार बनेगी, तब बिहार में जन कल्याण, रोजगार और नौकरी के नए अवसरों की शुरुआत होगी.
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी साल में यह तरह की बयानबाजी आम है, लेकिन दशहरे जैसे धार्मिक पर्व के साथ जोड़कर इसे प्रचारित करना राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. सोशल मीडिया पर दोनों पार्टियों के समर्थक इस पोस्ट और वीडियो पर बहस में जुटे हैं.
इस तरह, इस बार बिहार में दशहरा केवल धार्मिक पर्व नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक संदेश और विरोधाभास का भी मंच बन गया. जनता के लिए यह सवाल भी खुला है कि वोट के जरिए वे किसे अपने “सिंहासन का रावण” मानेंगे और कौन होगा उनके लिए कल्युग का संहार करने वाला नेता.