बक्सर की राजनीति में सियासी गरमाहट बढ़ती जा रही है. बीजेपी के कद्दावर कार्यकर्ता अमरेंद्र पांडेय ने पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया. उन्होंने पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी, पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
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नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए पांडेय ने कहा कि पार्टी ने उन लोगों को प्राथमिकता दी है, जिन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान ‘अर्बन नक्सल’ कहा गया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह लड़ाई एक साधारण कार्यकर्ता और ब्यूरोक्रेट के बीच की होगी.
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पांडेय ने आगे कहा कि पार्टी को खड़ा करने, बूथ बनवाने और जनता जोड़ने जैसे काम लंबे समय से कर रहे कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया. उनके मुताबिक, कुछ लोग सिर्फ दो दिन पहले पार्टी में शामिल हुए और उन्हें टिकट मिल गया. उन्होंने आनंद मिश्रा पर तंज कसते हुए कहा कि कोई पढ़ाई करता है, नौकरी करता है, आईएएस-आईपीएस बनता है और फिर अचानक राजनीति में आकर उम्मीदवार घोषित हो जाता है.
सूत्रों के अनुसार, अमरेंद्र पांडेय को लंबे समय से बक्सर विधानसभा सीट से बीजेपी का उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन अंतिम समय में पार्टी ने आनंद मिश्रा को टिकट देकर पुराने कार्यकर्ताओं में नाराजगी फैला दी.
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भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि टिकट वितरण के बाद बक्सर में कई पुराने नेता और कार्यकर्ता खुलकर विरोध में उतर आए हैं. अब यह देखना बाकी है कि पार्टी इस अंदरूनी संकट को कैसे संभालेगी और क्या बगावत शांत होगी या और गहराएगी.