बिहार की राजनीति में हलचल मचाते हुए बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने राज्य सरकार पर 62 हजार करोड़ रुपए के बिजली घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि यह घोटाला बिहार सरकार और अदाणी समूह के बीच हुए बिजली खरीद समझौते (Power Purchase Agreement) से जुड़ा है. आर.के. सिंह ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की है.
आर.के. सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने अदाणी समूह के साथ 25 वर्षों के लिए बिजली खरीदने का समझौता किया है, जिसके तहत राज्य को 6 रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी. जबकि मौजूदा बाजार दर इससे काफी कम है. उन्होंने कहा कि यह समझौता राज्य की जनता के साथ सीधा धोखा है और इससे बिहार के उपभोक्ताओं पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा.
बीजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि इस समझौते में भूमि आवंटन और दर निर्धारण की प्रक्रिया में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं. उन्होंने कहा कि इस एग्रीमेंट के जरिए कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है, जबकि इसका नुकसान सीधे आम जनता को झेलना पड़ेगा.
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आर.के. सिंह ने कहा कि बिहार सरकार को इस सौदे के सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने चाहिए और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्य कम कीमत पर बिजली खरीद सकता है, तो इतनी महंगी दर पर समझौता क्यों किया गया?
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विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक दो दिन पहले लगाए गए इन आरोपों से राज्य की सियासत में गर्मी बढ़ गई है. विपक्ष जहां सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है, वहीं सत्ताधारी दल ने अभी इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.


























