भागलपुर: भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड में विकास की राशि का बड़ा गबन सामने आया है. हरिणकोल पंचायत के मुखिया दीपक कुमार सिंह और पंचायत सचिव खगेंद्र पासवान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि दोनों ने षष्ठम वित्त आयोग की राशि से बिना कोई काम कराए सरकारी खजाने से करीब 95 लाख रुपये निकाल लिए.
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जांच में पता चला कि परशुरामपुर, रोशनपुर, हरिणकोल और बाबूपुर पंचायतों में सड़क और नाला निर्माण के नाम पर राशि खर्च दिखाई गई, लेकिन जमीनी हकीकत में न तो किसी निर्माण स्थल का पता चला और न ही किसी योजना का कोई सबूत मौजूद था. पटना से आई विशेष जांच टीम ने जब कामकाज से जुड़े दस्तावेज मांगे तो कोई वैध कागज पेश नहीं किया गया. इससे स्पष्ट हुआ कि पैसे की हेराफेरी बड़े पैमाने पर की गई थी.
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इस मामले में पहले ही प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एसडीपीओ टू, डॉ. अर्जुन कुमार गुप्ता ने बताया कि तत्कालीन बीपीआरओ ने दो साल पहले ही पीरपैंती थाना में गबन, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज कराया था. अब जांच में मुखिया और सचिव की भूमिका स्पष्ट होने के बाद गिरफ्तारी की गई.
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पंचायत सचिव खगेंद्र पासवान को सुल्तानगंज के महेशी से गिरफ्तार किया गया, जबकि हरिणकोल पंचायत के मुखिया दीपक कुमार सिंह को उनके घर से दबोचा गया. डॉ. अर्जुन कुमार गुप्ता ने बताया कि अन्य पंचायतों में भी छापेमारी जारी है.
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इस पूरे मामले ने यह साफ कर दिया है कि कागजों पर सब कुछ बनाकर विकास की राशि का गबन किया जा रहा था, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट थी. अब सवाल यह उठता है कि ऐसी अनियमितताओं पर नकेल कसने के लिए प्रशासन और पंचायत अधिकारियों की जवाबदेही को कैसे सुनिश्चित किया जाएगा.

कंटेंट ब्यूरो एडिटर
सहारा समय बिहार.