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Politics : मटिहानी में टिकट की जंग! इंदिरा या राजकुमार?

बेगूसराय जिले के मटिहानी विधानसभा क्षेत्र में 2025 का चुनाव दिलचस्प होने वाला है. यहां लोजपा (रा.) की नेत्री व पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष इंदिरा देवी अपनी दावेदारी मजबूत कर रही हैं. इंदिरा, चिराग पासवान की करीबी मानी जाती हैं और उन्हें भरोसा है कि मटिहानी सीट से पार्टी समझौता नहीं करेगी. 2020 में इसी सीट से लोजपा को जीत मिली थी. हालांकि सिटिंग विधायक राज कुमार सिंह अब जदयू में शामिल हो चुके हैं और एनडीए के सिटिंग-गेटिंग फार्मूले के तहत टिकट की तैयारी कर रहे हैं.

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लोजपा इस फॉर्मूले को खारिज कर चुकी है. चिराग पासवान ने भी कार्यकर्ता सम्मेलन में संकेत दिया था कि इंदिरा देवी को मौका दिया जाएगा. यही कारण है कि इंदिरा और उनके पति बालमुकुंद सिंह लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. मगर, टिकट नहीं मिलने की स्थिति में उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा. उनके समर्थकों का दबाव है कि वे किसी भी हालत में मैदान में उतरें.

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मटिहानी का इतिहास बताता है कि निर्दलीय प्रत्याशियों को यहां जनता ने समर्थन दिया है. 2005 में बोगो सिंह ने दो बार निर्दलीय जीत दर्ज की थी. इंदिरा देवी स्वयं 2020 में बछवाड़ा से निर्दलीय चुनाव लड़ चुकी हैं. ऐसे में उनके सामने विकल्प खुला है.

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क्षेत्र की राजनीति में समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. राज कुमार सिंह जदयू में, जबकि बोगो सिंह अब राजद के खेमे में हैं. वहीं सीपीएम और जन सुराज भी अपनी दावेदारी ठोकने को तैयार हैं. 2020 में त्रिकोणीय मुकाबले ने यहां रोमांच पैदा किया था. 2025 में इंदिरा देवी की रणनीति और टिकट पर फैसला तय करेगा कि मटिहानी में कौन किस पर भारी पड़ेगा.

रिपोर्ट: सुमित कुमार सिंह, बेगुसराय.