शेखपुरा: बरबीघा: कभी-कभी लगता है रेलवे वाले भी मजाकिया मूड में रहते हैं! ग्राम नरसिंहपुर के पास बनने वाला रेलवे हाल्ट ऐसा ही है – नाम है ‘अमावां’, अंडरपास और पुलिया कुछ पता नहीं. अब ग्रामीणों का कहना है कि इस हाल्ट के नाम ने उनकी पहचान बदल दी और सुविधा तो दूर की बात है, रोज़ खेत जाने का झंझट ही बढ़ा दिया.
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पूर्व सभापति रौशन कुमार ने बताया कि कई बार रेलवे अधिकारियों को आवेदन भेजा, लेकिन लगता है अधिकारियों ने सोचा – “चलो, ग्रामीण खुश रहें, नाम तो बदल दिया!” लेकिन ग्रामीण तो खुश नहीं हुए. उन्होंने दिल्ली जाकर नवादा लोकसभा सांसद विवेक ठाकुर को ज्ञापन सौंपा और कहा – “देखिए सांसद जी, नाम बदलना आसान है, लेकिन सुविधा भी चाहिए.”
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रौशन कुमार ने बताया कि हाल्ट में अंडरपास और पुलिया नहीं है, यानी किसान खेत जाएं तो अब “उड़ते रहो या गेट के पास लाइन लगाओ” वाली समस्या. ग्रामीणों का कहना है कि अगर रेल विभाग ने नाम बदलना था, तो “कम से कम पुलिया और अंडरपास तो बना देते!”
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सांसद विवेक ठाकुर ने तुरंत रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को पत्र भेजकर कहा – “मंत्री जी, नाम बदल दिया, लेकिन सुविधा भूल गए!” रेल मंत्री की प्रतिक्रिया अभी तक अंधेरे में है – शायद वो भी सोच रहे हैं, “अमावां नाम ही सही है, अंडरपास किसे चाहिए?”
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ग्रामीणों ने आशा जताई कि रेलवे जल्द ही उनके खेतों और जल निकासी की समस्या का समाधान करेगा. आखिर, नाम बदलने से पहचान बदल सकती है, लेकिन पुलिया और अंडरपास बनाना जरूरी भी है और मजेदार भी.