गयाजी: जिले के बाराचट्टी विधानसभा के मंसांडिह गांव में आजादी के 75 साल बाद भी सड़क और नालियों की हालत बेहद खराब बनी हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि वर्षों से कोई जनप्रतिनिधि गांव का दौरा नहीं करता और वादों के बावजूद सड़क, नाली और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हुआ. इससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी और असंतोष है.
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ग्रामीण मीडिया से बातचीत में बताते हैं कि गांव में लगभग 200 घरों के मांझी परिवार रहते हैं. उनका कहना है कि विधायक ज्योति मांझी और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, दोनों ही मांझी समाज से होने के बावजूद गांव के विकास की ओर ध्यान नहीं देते. ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव के समय केवल वोट लेने के लिए ही नेता गांव आते हैं और उसके बाद कोई विकास कार्य नहीं होता.
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ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार वे वोट बहिष्कार करेंगे और किसी भी नेता या विधायक को गांव में घुसने नहीं देंगे. उनका कहना है कि अब जनता जागरूक हो चुकी है और केवल वादों पर भरोसा नहीं करेगी. उन्होंने स्थानीय और राज्य सरकार से मांग की है कि अब समय आ गया है कि धरातल पर विकास कार्य दिखाया जाए.
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ग्रामीणों की नाराजगी सिर्फ सड़क और नालियों तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें यह भी लगता है कि वर्षों से गांव के लोग विकास के दावे केवल कागज पर ही देख रहे हैं. उनका कहना है कि सड़क और बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति ने उनके दैनिक जीवन को कठिन बना दिया है और बच्चों तथा बुजुर्गों की सुरक्षा भी खतरे में है.
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इस मामले ने बाराचट्टी विधानसभा में विकास की अनदेखी और ग्रामीण असंतोष को उजागर किया है. स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए यह चेतावनी है कि यदि जनता की समस्याओं की अनदेखी जारी रही, तो इसका राजनीतिक असर आने वाले समय में देखा जा सकता है.
रिपोर्ट: चंदन कुमार, गयाजी.