भागलपुर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है. ललमटिया पासी टोला के रहने वाले आयुष दीपक, जो पंजाब के पटियाला में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात थे, ने आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि ललमटिया थाना के पूर्व प्रभारी राजीव रंजन के अमानवीय व्यवहार और अपमानजनक कार्रवाई से आहत होकर आयुष ने यह कदम उठाया.
जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले आयुष की बहन ज्योति अपने मायके आई हुई थीं. इसी दौरान थाना प्रभारी राजीव रंजन ने इलाके में शराब बिक्री के आरोप में छापेमारी की. जब ज्योति ने उनसे कहा कि निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए, तो थाना प्रभारी ने उन्हें धमकाते हुए कहा — “नेता मत बनो, नहीं तो जेल भेज देंगे.”
इसके बाद पुलिस ने थाना प्रभारी के आदेश पर ज्योति को बाल पकड़कर घसीटते हुए थाने लाया और झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया.
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इस घटना की जानकारी जब आयुष दीपक को पटियाला में मिली, तो वे मानसिक रूप से बेहद टूट गए. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि थाना प्रभारी द्वारा उनकी बहन के साथ की गई ज्यादती और अपमान से वे बेहद आहत हैं, और इसी कारण आत्महत्या कर रहे हैं.
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घटना के बाद परिवार और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है. लोगों ने ललमटिया थाना के सामने मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और आरोपी थाना प्रभारी राजीव रंजन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

























