पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर और जदयू मंत्री अशोक चौधरी के बीच आरोप-प्रत्यारोप की सियासत तेज हो गई है. प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक चौधरी को नीतीश कुमार का दाहिना हाथ बताते हुए उन्हें बिहार का सबसे भ्रष्ट नेता करार दिया. पीके का दावा है कि चौधरी ने जमीन खरीद-फरोख्त और बेनामी संपत्ति में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की है.
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प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि 2019 में चौधरी के पर्सनल सेक्रेटरी योगेंद्र दत्त के नाम पटना के बिक्रम में 23 कट्ठा जमीन खरीदी गई, जिसे 2021 में मात्र 34 लाख रुपए में चौधरी की बेटी सांसद शांभवी चौधरी के नाम कर दिया गया. उनका आरोप है कि असल भुगतान का बड़ा हिस्सा संदिग्ध तरीके से निपटाया गया. इनकम टैक्स नोटिस आने के बाद 27 अप्रैल 2025 को इस लेन-देन को छुपाने के लिए 25 लाख रुपए का ट्रांसफर किया गया. पीके ने यह भी कहा कि शांभवी की सगाई से शादी तक केवल दो साल में करीब 200 करोड़ की जमीन की खरीद हुई, जिसमें मानव वैभव विकास ट्रस्ट से जुड़े कई बड़े नाम शामिल रहे.
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इन आरोपों पर मंत्री अशोक चौधरी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर सिर्फ हवा में आरोप लगा रहे हैं, कोई सबूत नहीं दे रहे. उनका कहना है कि वे हर साल आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं और उनकी सारी संपत्ति सार्वजनिक है. चौधरी ने याद दिलाया कि उन्होंने पहले ही पीके पर मानहानि का मुकदमा किया था और नोटिस भी भेजा था, उसी की बौखलाहट में पीके अनाप-शनाप बोल रहे हैं.
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जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कभी कोई आरोप साबित नहीं हुआ. जिन पर आरोप लगे हैं, वे खुद जवाब दें. इस बीच जदयू विधायक सुदर्शन कुमार की सीएम नीतीश से अचानक मुलाकात को राजनीतिक गलियारों में अशोक चौधरी के खिलाफ अंदरूनी मोर्चाबंदी से जोड़ा जा रहा है. सुदर्शन और चौधरी के बीच पहले भी तनातनी रही है.