औरंगाबाद में राजनीतिक सरगर्मी के बीच पूर्व सांसद आनंद मोहन को रविवार को अपने बेटे चेतन आनंद के पक्ष में जन संपर्क करते समय ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. आनंद मोहन बारुण प्रखंड के एक गांव में अपने बेटे के लिए समर्थन जुटाने पहुंचे थे. जैसे ही वे गांव में प्रवेश करना चाहते, ग्रामीणों ने उनका रास्ता रोक दिया और “नीतीश कुमार मुर्दाबाद” के नारे लगाने शुरू कर दिए.
ग्रामीणों के विरोध और नारे सुनकर आनंद मोहन भड़क गए और उन्होंने कहा कि “नीतीश कुमार ने जो किया, वह किसी के वश की बात नहीं है.” लेकिन ग्रामीण उनकी एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थे और वे लगातार उन्हें वापस जाने के लिए भी नारे लगाने लगे. इस घटना के बाद आनंद मोहन अपने समर्थकों के साथ वहां से लौट गए.
चेतन आनंद इस समय औरंगाबाद जिले की नबीनगर विधानसभा सीट से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वे पहले 2020 में शिवहर से राजद के टिकट पर चुनाव जीत चुके थे. हालांकि, फ्लोर टेस्ट के दौरान उन्होंने पार्टी बदलते हुए जेडीयू का दामन थाम लिया था. चेतन आनंद की राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत है क्योंकि उनकी मां, लवली आनंद, 1996 में शिवहर से विधायक बनी थीं.
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राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि आनंद मोहन का विरोध यह दर्शाता है कि स्थानीय मतदाता नीतीश कुमार और जेडीयू की नीतियों से असंतुष्ट हैं. इस घटना ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है. पूर्व सांसद का विरोध झेलना और ग्रामीणों की नकारात्मक प्रतिक्रिया आगामी विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय राजनीति की दिशा पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है.
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इस प्रकार, औरंगाबाद में यह घटना जेडीयू और परिवार के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर रही है, जबकि चेतन आनंद के लिए यह चुनावी मुकाबले में अहम मोड़ साबित हो सकती है.


























