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Jamui : 28 जानें गईं… और अब संगठन कह रहा है – शांति की राह चुनेंगे!

जमुई: माओवादी संगठन ने शांति वार्ता के लिए सकारात्मक रुख अपनाने का ऐलान किया है. संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने 15 अगस्त को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने कहा कि संगठन मार्च 2025 के अंतिम सप्ताह से सरकार के साथ शांति वार्ता के प्रयास कर रहा है. संगठन का यह निर्णय देश और वैश्विक स्तर पर बदलती परिस्थितियों के मद्देनजर लिया गया है.

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10 मई को संगठन के महासचिव ने प्रेस बयान जारी कर हथियार छोड़ने और सीजफायर पर विचार करने के लिए एक महीने का समय मांगा था. इस दौरान संगठन ने सरकार के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी. इसके विपरीत, जनवरी 2024 से चल रहे सैन्य अभियानों को तेज कर दिया गया.

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21 मई को माड के गुंडेकोट के पास हुए संघर्ष में संगठन के महासचिव बसवराजू समेत 28 साथी मारे गए थे. इस घटना के बावजूद संगठन ने शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया.

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अभय ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अपील पर संगठन मुख्यधारा में लौटने पर विचार कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि संगठन अपने समर्थकों और जनता को यह संदेश देना चाहता है कि हिंसा के बजाय संवाद और शांति के रास्ते को अपनाया जाएगा.

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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न केवल माओवादी आंदोलन के लिए बल्कि पूरे देश की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है. अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती है और शांति वार्ता को वास्तविक रूप दिया जा सकता है या नहीं.

रिपोर्ट: विवेक कुमार, जमुई.