Prashant Kishor Priyanka Gandhi meeting: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जन सुराज पार्टी (JSP) के नेतृत्व वाले रणनीतिकार प्रशांत किशोर को करारी हार का सामना करना पड़ा, जब उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी और अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जप्त हो गई। ऐसे में राजनीतिक हलका में यह चर्चा शुरू हो गई कि बिहार के चुनाव परिणाम के 1 महीने बाद उन्हें प्रियंका गांधी वाड्रा के आवास पर देखा गया जो कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार की प्रमुख सदस्य हैं।
यह बैठक करीब 2 घंटे तक चली हालांकि दोनों पक्षों ने इसकी अहमियत को कम करके दिखाने की कोशिश की है। बता दे कि यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब बिहार चुनाव में जन सुराज पार्टी का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक रहा। प्रशांत किशोर की पार्टी 238 सीटों पर लड़ी थी लेकिन उन्हें एक भी सीट नसीब नहीं हुई। हालत यह हो गई कि उनके 236 उम्मीदवारों की जमानत भी जप्त हो गई। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का प्रदर्शन भी काफी निराशाजनक रहा और पार्टी 61 सीटों में से सिर्फ 6 सीट ही जीत सकी। ऐसे में प्रशांत किशोर की यह मुलाकात राजनीतिक तौर पर और भी कई सवाल खड़े कर रही है।
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस से क्यों बना ली दूरी?
प्रशांत किशोर और गांधी परिवार के रिश्ते काफी पुराने हैं। 2021 में जेडीयू से अलग होने के बाद प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने पार्टी का फिर से निर्माण करने के लिए एक ब्लूप्रिंट रखा था। जब अप्रैल 2022 में सोनिया गांधी के आवास पर एक अहम बैठक हुई थी वहां राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद थे। उसे समय प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार थे लेकिन पार्टी ने उन्हें ‘एंपावर्ड एक्शन ग्रुप’ का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दिया। हालांकि यहीं से बात बिगड़ गई और प्रशांत किशोर ने सीमित भूमिका स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया और खुलकर कहा कि कांग्रेस को व्यक्ति नहीं बल्कि नेतृत्व और संरचनात्मक सुधरो की जरूरत है। इसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए और प्रशांत किशोर कांग्रेस के मुखर आलोचक बन गए।
प्रियंका गांधी से मुलाकात क्यों खास?
इससे पहले जो प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी की मुलाकात हुई थी तब वह मुलाकात खास नहीं रही थी और बात नहीं बनी थी। लेकिन इस बार की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। क्योंकि:
-यह हर के तुरंत बाद हुई है।
-मुलाकात पूरी तरह निजी और गोपनीय रखी गई है।
-प्रियंका गांधी खुद कांग्रेस में संगठन और चुनावी रणनीति की हम चेहरा है।
राजनीतिक जानकारी का मानना है कि यह बातचीत केवल शिष्टाचार तक सीमित नहीं थी।
मीटिंग में क्या मुद्दे उठे?
हालांकि आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों और राजनीतिक विश्लेषण के मुताबिक बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा संभव मानी जा रही है:
-बिहार चुनाव में हर के कर्म की समीक्षा
-प्रशांत किशोर की आगे की राजनीतिक भूमिका
-कांग्रेस कैसे संगठन आत्मक सुधार और चुनावी रणनीति
-भविष्य में किसी तरह के सहयोग या सलाहकार भूमिका की संभावना
यह भी कयास लगाया जा रहे हैं कि प्रशांत किशोर दोबारा रणनीतिकार की भूमिका में लौट सकते हैं।
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