सासाराम विधानसभा क्षेत्र, रोहतास जिले का एक अहम हिस्सा है। यह क्षेत्र इतिहास, राजनीति और संस्कृति का मिलन स्थल है। यहाँ का शहर जिले का मुख्य केंद्र भी है और लंबे समय से अध्यापकों, व्यापारियों और नेताओं का घर रहा है।
विधायक – अशोक कुमार
दल – राजद
सासाराम का माहौल बहुत अच्छा है। यह कैमूर पहाड़ियों के नजदीक है, और इसकी भूमि उपजाऊ है। यहाँ धान, गेहूं और मसाले उगाए जाते हैं। गर्मियों में यहाँ गरमी और सर्दियों में ठंड होती है। यह इलाका NH-2 नामक बड़े रास्ते पर है, जो पटना और दिल्ली जैसे शहरों को आपस में जोड़ता है।
सासाराम का नाम शेरशाह सूरी के साथ जुड़ा है। यहाँ उनके बड़े मकबरे का अस्तित्व है, जिसे “भारत का ताजमहल” कहा जाता है। यह जगह मुग़ल काल से पहले और बाद में भी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रही है। करीबी में रोहतासगढ़ किला भी है, जो अपनी प्राचीन ताकत का परिचय देता है।
सासाराम की कमाई का मुख्य साधन खेती है। यहाँ पत्थर की खानें और क्रशर उद्योग भी हैं। ये उद्योग बहुत लोगों को काम देते हैं। छोटे व्यापार और बाजार यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।
यहां का राजनीतिक इतिहास भी बहुत पुराना है। सासाराम सदैव नेताओं और चुनावों का माहौल रहा है। कई प्रभावशाली विधायक इसी क्षेत्र से चुने गए हैं। चुनावों में जातीय समीकरण बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। दलों की प्रतिस्पर्धा भी तेज रहती है।
यह क्षेत्र जातियों का मेल है। यादव, कुशवाहा, भूमिहार, राजपूत, मुस्लिम, दलित और पिछड़ी जातियाँ सभी मिलकर रहते हैं। जाट और अन्य समुदाय भी यहाँ बसे हैं। इन जातियों का प्रभाव यहाँ की राजनीति में दिखता है।
सासाराम एक साधारण जगह नहीं है। यह यहाँ की परंपरा, संस्कृति और सामाजिक जीवन का मेल है। यहाँ के लोग परंपरा को निभाते और अपनाते हैं। यह इलाका बिहार की पहचान है, जहाँ पुराना और नया साथ-साथ चलते हैं।
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