भागलपुर : “छह करोड़ में बना था सुरक्षा कवच… लेकिन गंगा की एक लहर आई और सब बहा ले गई. बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग का ताजगी से बना तटबंध नवगछिया में टिक नहीं पाया. सवाल ये है- क्या ये तटबंध बना था बाढ़ रोकने के लिए, या सिर्फ ठेकेदारों की जेब भरने के लिए? गंगा की धार ने न सिर्फ स्पर तोड़ा, बल्कि सरकारी दावों की दीवार भी ढहा दी है…”
भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत इस्माइलपुर बिंद टोली में गंगा नदी के तट पर बना स्पर संख्या-9 सोमवार देर रात अचानक टूट गया. यह वही तटबंध है, जिसे जल संसाधन विभाग द्वारा 6 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार कर पुनर्निर्मित किया गया था.
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तटबंध टूटते ही आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग भयभीत हो गए. गंगा नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद अचानक तेज कटाव शुरू हो गया, जिससे स्पर का एक बड़ा हिस्सा बहकर गंगा में समा गया.
घटना की जानकारी मिलते ही जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ई. अनवर जमील घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि सोमवार देर शाम तेज कटाव के कारण स्पर संख्या-9 पूरी तरह ध्वस्त हो गया. तटबंध का निर्माण मेसर्स एवरग्रीन कंस्ट्रक्शन कंपनी, वीरपुर के ठेकेदार द्वारा कराया गया था.
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तटबंध के बचे हुए हिस्से को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग के निर्देश पर एनसी में बालू भरी बोरियों से आपातकालीन मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है. विभागीय अधिकारी युद्धस्तर पर काम में जुटे हैं ताकि और नुकसान न हो.
तटबंध टूटने के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल है. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीओ द्वारा मॉकिंग कर तटबंध और स्पर क्षेत्र से दो दिनों के भीतर अतिक्रमण खाली करने का निर्देश दिया है.
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