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Politics : बाप-बेटे दोनों JDU में – क्या महागठबंधन की नींव हिलने लगी है?

पटना : बिहार की राजनीति में आज एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छह बार के विधायक डॉ. अशोक राम ने पार्टी छोड़कर जनता दल यूनाइटेड (JDU) का दामन थाम लिया. उन्होंने पटना स्थित JDU के प्रदेश कार्यालय में आयोजित समारोह में पार्टी की सदस्यता ली। उनके साथ उनके बेटे अतिरेक राम ने भी JDU की सदस्यता ली. इस मौके पर JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री विजय चौधरी और रत्नेश सदा भी मौजूद थे.

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पार्टी में शामिल होने के बाद डॉ. अशोक राम ने कहा, आज का दिन मेरे राजनीतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ है। बिहार को इस समय नीतीश कुमार जैसे अनुभवी नेता की जरूरत है। 2025 के चुनाव में उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प हम सबने लिया है.

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JDU के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी ने इस मौके पर कहा कि डॉ. अशोक राम जैसे अनुभवी और सम्मानित नेता के आने से पार्टी को दलित समाज में और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा, कांग्रेस में उन्हें जो मान-सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला. हम वादा करते हैं कि JDU में उनके मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

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महागठबंधन में टूट की आहटJDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बड़ा दावा करते हुए कहा, महागठबंधन के कई बड़े नेता हमारे संपर्क में हैं. जल्द ही कांग्रेस और RJD में भगदड़ मचेगी. तेजस्वी यादव ने जो किया, वो एक राजनीतिक अपराध जैसा है.

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कौन हैं डॉ. अशोक राम?

  • छह बार विधायक रह चुके हैं.
  • बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
  • कांग्रेस विधायक दल के नेता रह चुके हैं.
  • वर्तमान में बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष थे.
  • दलित समुदाय में बड़ा प्रतिनिधित्व रखते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. अशोक राम लंबे समय से पार्टी नेतृत्व से नाराज़ चल रहे थे. उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की उम्मीद थी, लेकिन उनकी ही जाति के राजेश राम को यह पद दे दिया गया, जिससे वे आहत हुए. इसके बाद उन्हें पार्टी कार्यक्रमों से दूर रखा जाने लगा, जिससे वे लगातार उपेक्षित महसूस कर रहे थे.

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डॉ.अशोक राम जैसे मजबूत सामाजिक आधार वाले नेता का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. खासकर दलित समुदाय में उनकी पकड़ JDU को आगामी चुनावों में फायदा पहुंचा सकती है. यह घटना आगामी बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन के अंदर गहराते असंतोष की झलक भी दिखाती है.

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लेखक परिचय: रंजीत कुमार सम्राट सहारा समय (डिजिटल) के बिहार हेड हैं. 20 साल से बिहार के हर जिले की सियासत पर गहरी नज़र रखते हैं. पिछले दो दशक से बिहार की हर खबर को अलग नजरिये से पाठक को समझाते रहे हैं.

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