Luis Figo ट्रांसफर विवाद: साल 2000, तारीख 24 जुलाई. दुनिया के सबसे बेहतरीन फुटबॉलर्स में से एक, Luis Figo, जब सफेद जर्सी पहनकर सैंटियागो बर्नाबेउ स्टेडियम में रियल मैड्रिड के खिलाड़ी के रूप में सामने आए, तो फुटबॉल की दुनिया में भूकंप सा आ गया, क्योंकि फिगो सिर्फ एक स्टार नहीं थे — वो एफसी बार्सिलोना के दिल की धड़कन थे.
फिगो ने 1995 में स्पोर्टिंग लिस्बन से बार्सिलोना जॉइन किया था. कुछ ही सालों में उन्होंने अपनी स्किल, विज़न और लीडरशिप से न केवल टीम में जगह पक्की की, बल्कि कैप्टन भी बन गए. उनकी मौजूदगी में Barcelona ने दो La Liga टाइटल, एक UEFA विनर्स कप और कई ट्रॉफियां जीतीं.
हालांकि वो पुर्तगाली खिलाड़ी थे, लेकिन Barcelona फैंस उन्हें अपना मानते थे.
Florentino Pérez का मास्टर प्लान:
उसी दौरान, रियल मैड्रिड में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहे थे. फ्लोरेंटीनो पेरेज़ मैदान में उतरे और एक वादा किया – अगर मैं जीत गया, तो लुइस फिगो को रियल मैड्रिड लाऊंगा.
ये वादा सिर्फ बयान नहीं था – उन्होंने पूरा होमवर्क किया था. उन्हें पता चला कि फिगो के कॉन्ट्रैक्ट में करीब 60 मिलियन यूरो का एक रिलीज़ क्लॉज़ है.
पेरेज़ ने फिगो के एजेंट के साथ गुप्त डील की – जिसमें अगर फिगो रियल मैड्रिड नहीं आए तो उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ता. जब मीडिया में यह खबर लीक हुई तो फिगो ने सार्वजनिक रूप से कहा – “मैं पागल नहीं हूं जो ऐसा कुछ करूं.”
असल में अगर पेरेज़ चुनाव हारते, तो फिगो को Barcelona में ही रहना पड़ता – और वहां के फैंस उन्हें ज़िंदा नहीं छोड़ते. लेकिन पेरेज़ जीत गए… और उसके बाद क्लॉज़ एक्टिवेट हो गया.
24 जुलाई 2000 को, लुइस फिगो रियल मैड्रिड के खिलाड़ी बन गए.
“गद्दार” का ताज और बार्सिलोना फैंस का गुस्सा:
बार्सिलोना के फैंस के लिए यह सिर्फ ट्रांसफर नहीं था — यह धोखा था. पोस्टर फाड़े गए, जर्सियां जलाई गईं, और “गद्दार” शब्द कैंप नोउ(Barcelona Home Stadium) में गूंजने लगा.
21 अक्टूबर 2000 — वो दिन जब फिगो पहली बार रियल मैड्रिड की जर्सी में कैंप नोउ(Barcelona Home Stadium) पहुंचे. मैदान पर पानी की बोतलें, सिक्के, लाइटर — और यहां तक कि सूअर का कटा हुआ सिर भी फेंका गया. Catalan society में ये सबसे बड़े विश्वासघात का प्रतीक माना जाता है.
Galáctico युग की शुरुआत:
फिगो सिर्फ एक ट्रांसफर नहीं थे — वो पेरेज़ के Galáctico प्रोजेक्ट की शुरुआत थे. इस प्रोजेक्ट में विश्व के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ने का प्लान था, जिससे कि दर्शकों की संख्या में भारी उछाल आए. इसके बाद क्लब ने ज़िनेदिन ज़िदान, रोनाल्डो और डेविड बेकहम जैसे नाम जोड़े.
इस ट्रांसफर ने रियल मैड्रिड को सिर्फ फुटबॉल में ही नहीं, बिज़नेस और ग्लोबल मार्केटिंग में भी सुपरस्टार क्लब बना दिया.
फुटबॉल: खेल से बढ़कर भावना
एक वो खिलाड़ी जिसे कभी “अपना” माना गया था, अचानक “दूसरे खेमे” में खड़ा दिखा. आज जब हम उस किस्से को याद करते हैं, तो महसूस होता है कि फुटबॉल सिर्फ गोल या ट्रॉफियों का खेल नहीं है — ये जुड़ाव, भरोसे और यादों का खेल है.
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