Relationship दो लोगों के बीच विश्वास, सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव पर टिके होते हैं . लेकिन जब रिश्ते में लगातार तनाव, असुरक्षा, मानसिक थकान और एकतरफा समझौते होने लगें, तो यह ‘टॉक्सिक रिलेशनशिप’ (Toxic Relationship) का संकेत हो सकता है . वरिष्ठ रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. निधि बजाज (मनोवैज्ञानिक और रिलेशनशिप एक्सपर्ट, दिल्ली) बताती हैं कि कई बार हम अनजाने में ही ऐसी आदतें विकसित कर लेते हैं जो हमारे रिश्ते को ज़हरीला बना देती हैं . Toxicity
Extra Marital Affairs कैसे पहचानें शुरुआती संकेत?
Live-in relationship में क्या रखें सावधानियां?
कौन-कौन सी बातें रिश्ते में टॉक्सिकिटी लाती हैं?
लगातार कंट्रोल करना या शक करना
डॉ. निधि कहती हैं, “अगर पार्टनर हमेशा पूछता है कि आप कहां हैं, किससे बात कर रहे हैं, क्या कर रहे हैं — और ये सिर्फ केयर नहीं, बल्कि निगरानी के रूप में हो — तो यह भावनात्मक असुरक्षा का संकेत है .”
इसका असर: एक इंसान अपनी पर्सनल स्पेस खो देता है और रिश्ता दमघोंटू बन जाता है .
भावनात्मक ब्लैकमेल करना
कई बार पार्टनर बार-बार ये कहता है कि “अगर तुम मुझसे प्यार करते हो तो ये करो” , या “तुम नहीं माने तो मैं खुद को नुकसान पहुंचाऊंगा” , तो यह इमोशनल ब्लैकमेलिंग है .
इसका असर: इससे guilt और डर का माहौल बनता है, और प्यार दबाव में बदल जाता है .
एकतरफा समझौते और बलिदान
अगर रिश्ते में हमेशा एक ही व्यक्ति अपनी इच्छाएं, सपने या प्राथमिकताएं कुर्बान कर रहा है, और दूसरा केवल ले रहा है – तो यह असंतुलन टॉक्सिक होता है .
काउंसलर टिप: “स्वस्थ रिश्ते में दोनों पार्टनर बराबरी से सहयोग करते हैं . केवल एक की कुर्बानी पर रिश्ता नहीं चलता .”
कम्युनिकेशन की कमी या गुस्से में बात करना
जब पार्टनर एक-दूसरे से खुलकर बात नहीं करते, या हर बात बहस और चिल्लाहट में बदल जाती है, तो रिश्ते में धीरे-धीरे दूरी बढ़ने लगती है .
काउंसलर राय: “तर्क-वितर्क से डरने की बजाय, शांतिपूर्वक अपनी भावना व्यक्त करना सीखें .”
Respect की कमी या नीचा दिखाना
Toxic Relationship की एक बड़ी पहचान है – पार्टनर का आपको बार-बार नीचा दिखाना, आलोचना करना या दूसरों के सामने अपमानित करना .
असर: यह आत्म-सम्मान को तोड़ देता है और इंसान धीरे-धीरे खुद को कमतर समझने लगता है .
पार्टनर की प्रगति से जलन
जब कोई व्यक्ति अपने साथी की तरक्की, दोस्ती या आत्मनिर्भरता से खुश होने की बजाय असहज हो जाता है, तो यह ईर्ष्या रिश्ते में जहर घोल सकती है .
डॉ. निधि: “रिश्ते में सच्चा प्यार वह है जिसमें आप दूसरे को उड़ते देख खुश होते हैं, न कि उसे बांधकर रखना चाहते हैं .”
क्या करें जब रिश्ते में Toxicity महसूस हो?
- खुद को समझें और आत्म-सम्मान बनाए रखें
- सीमा तय करें (Boundaries set करें)
- खुलकर बात करें, डरें नहीं
- जरूरत हो तो थैरेपी या काउंसलिंग लें
- कभी-कभी दूरी भी समाधान हो सकती है
हर रिश्ता समय-समय पर चुनौतियों से गुजरता है . लेकिन जब ये चुनौतियाँ हमारी मानसिक शांति और आत्मसम्मान को लगातार नुकसान पहुंचाने लगें, तो यह Toxic रिलेशनशिप की निशानी है . डॉ. निधि बजाज बताती हैं कि जागरूकता, ईमानदार संवाद और अपने हक की समझ ही ऐसे रिश्तों से उबरने की सबसे बड़ी कुंजी है .
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