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RelationshipTips: लिव-इन रिलेशनशिप का सबसे बड़ा रिस्क क्या है? जानिए

RelationshipAdvice: आज के दौर में लिव-इन रिलेशनशिप को शादी से पहले एक-दूसरे को समझने का तरीका माना जाता है. युवा वर्ग में यह ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसके साथ कुछ बड़े रिस्क भी जुड़े हैं, जिन पर अक्सर खुलकर बात नहीं होती. चलिए जानते हैं कि लिव-इन रिलेशनशिप का सबसे बड़ा जोखिम क्या है?

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सबसे बड़ा रिस्क क्या है?

इमोशनल असुरक्षा सबसे बड़ा रिस्क
लिव-इन रिलेशनशिप में सबसे बड़ा खतरा भावनात्मक अस्थिरता (Emotional Insecurity) को माना जाता है. रिश्ते में कोई कानूनी या सामाजिक बंधन नहीं होता, पार्टनर के अचानक अलग हो जाने का डर बना रहता है, ब्रेकअप की स्थिति में मानसिक तनाव ज्यादा होता है.

कमिटमेंट की कमी
अक्सर लिव-इन में यह साफ नहीं होता कि रिश्ता कितना सीरियस है, एक पार्टनर शादी की उम्मीद करता है. दूसरा इसे सिर्फ “ट्रायल फेज” मान सकता है, यहीं से गलतफहमियां और रिश्ते में दरार शुरू होती है.

कानूनी और सामाजिक उलझनें
हालांकि कानून कुछ हद तक लिव-इन को मान्यता देता है, लेकिन समाज में अब भी इसे आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता. परिवार का दबाव रिश्ते पर भारी पड़ सकता है, अलगाव की स्थिति में अधिकार और जिम्मेदारियां स्पष्ट नहीं होतीं.

मानसिक स्वास्थ्य पर असर
लगातार अनिश्चितता की स्थिति, एंग्जायटी, डिप्रेशन, आत्मविश्वास में कमी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है, खासकर जब रिश्ता टूट जाए.

भविष्य की प्लानिंग में भ्रम
लिव-इन रिलेशनशिप में शादी, करियर, फैमिली को लेकर स्पष्टता न होने से भविष्य को लेकर कन्फ्यूजन बना रहता है.

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स मानते हैं कि खुलकर बातचीत, स्पष्ट सीमाएं और भविष्य को लेकर ईमानदारी लिव-इन रिलेशनशिप के रिस्क को काफी हद तक कम कर सकती है.

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