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Children के दिमाग पर असर डालती हैं पेरेंट्स की ये 7 बातें!

बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने आस-पास देखते और सुनते हैं, माता-पिता के शब्द, व्यवहार और प्रतिक्रियाएं बच्चे के व्यक्तित्व की नींव रखते हैं. लेकिन कई बार अनजाने में कही गई कुछ बातें उनके आत्मविश्वास, सोच और भावनाओं पर गहरा असर डालती हैं. आइए जानते हैं वो 7 बातें जो किसी भी पेरेंट को बच्चों के सामने नहीं कहनी चाहिए.

ये हैं पेरेंट्स की ये 7 बातें

“तुमसे कुछ नहीं होगा!”- यह वाक्य बच्चे के आत्मविश्वास को तोड़ देता है, गलती करने पर डांटने की जगह उसे समझाएं कि कहां सुधार की जरूरत है. नकारात्मक तुलना उसकी क्षमताओं पर संदेह पैदा करती है.

“देखो, दूसरे बच्चे तुमसे कितने अच्छे हैं।”
हर बच्चा अलग होता है. तुलना से बच्चे के मन में हीन भावना आती है और वह खुद को दूसरों से कमतर महसूस करने लगता है.

“मुझसे बहुत निराशा हुई तुमसे।”- यह वाक्य बच्चे के अंदर अपराधबोध पैदा करता है, अगर गलती हुई है तो प्यार से बताएं कि कैसे सुधार किया जा सकता है.

झगड़े और बहस बच्चों के सामने न करें- माता-पिता के बीच झगड़े का सबसे ज्यादा असर बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, वह असुरक्षित महसूस करता है और खुद को दोषी समझने लगता है.

“चुप रहो, तुम्हें कुछ नहीं पता।”- यह वाक्य बच्चे के विचारों को दबा देता है, उसकी बात सुनने की आदत डालें ताकि उसमें आत्मविश्वास और संवाद कौशल विकसित हो सके.

गुस्से में दिया गया दंड- गुस्से में दी गई सजा बच्चों के मन में डर और विरोध की भावना पैदा करती है, प्यार और अनुशासन के बीच संतुलन रखना जरूरी है.

“तुम हमारे लिए बोझ हो।”- यह शब्द बच्चे के दिल पर अमिट छाप छोड़ते हैं, बच्चों को हमेशा यह महसूस कराएं कि वे परिवार का अहम हिस्सा हैं और उनसे प्यार किया जाता है.

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