पति–पत्नी या कपल्स के रिश्ते में भावनात्मक (Emotional) और शारीरिक (Physical) इंटिमेसी दोनों का गहरा संबंध है. जब भावनात्मक जुड़ाव कम हो जाता है तो इसका सीधा असर शारीरिक रिश्ते पर पड़ता है. वहीं, फिजिकल क्लोज़नेस भी कई बार इमोशनल बांडिंग को मजबूत करने का जरिया बनती है.
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भावनात्मक दूरी का असर फिजिकल रिलेशन पर
- अगर कपल्स के बीच लगातार झगड़े, संवाद की कमी या भावनात्मक दूरी बनी रहती है, तो फिजिकल रिलेशन भी ठंडे पड़ने लगते हैं.
- तनाव, गुस्सा या अनसुलझे मुद्दों की वजह से पार्टनर एक-दूसरे के करीब आने से बचते हैं.
- कई रिश्तों में शारीरिक अंतरंगता सिर्फ “ड्यूटी” बनकर रह जाती है, जिससे संतुष्टि और खुशी गायब हो जाती है.
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. रचना मल्होत्रा कहती हैं –
“रिश्तों में इमोशनल कनेक्शन की कमी पार्टनर्स को अंदर ही अंदर अकेला कर देती है. यह अकेलापन धीरे-धीरे फिजिकल इंटिमेसी को भी प्रभावित करता है.”
ओपन बातचीत और थेरेपी का रोल
सबसे पहला कदम है – खुलकर बातचीत करना. अपनी ज़रूरतें, अपेक्षाएँ और असुरक्षाएँ पार्टनर से साझा करना जरूरी है.
रिलेशनशिप काउंसलिंग या कपल थेरेपी ऐसे कपल्स को एक सुरक्षित स्पेस देती है, जहाँ वे बिना झगड़े अपनी भावनाएँ व्यक्त कर पाते हैं.
थेरेपी से कपल्स को यह समझने में मदद मिलती है कि शारीरिक दूरी के पीछे सिर्फ “सेक्सुअल प्रॉब्लम” नहीं, बल्कि भावनात्मक गैप भी जिम्मेदार हो सकता है.
रिलेशनशिप काउंसलर अनीता शर्मा बताती हैं –
“अक्सर पार्टनर्स को लगता है कि फिजिकल प्रॉब्लम है, लेकिन असल में वे इमोशनली डिसकनेक्टेड होते हैं. थेरेपी उन्हें यह समझने और दोबारा जुड़ने का मौका देती है.”
मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
- भावनात्मक जुड़ाव से मस्तिष्क में “ऑक्सीटोसिन” और “डोपामिन” जैसे हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो भरोसा और संतुष्टि बढ़ाते हैं.
- अगर यह जुड़ाव कमजोर हो, तो पार्टनर्स को रिलेशन मैकेनिकल लग सकता है.
- मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि शारीरिक नज़दीकी तभी सुखद होती है जब दिल भी जुड़ा हो.

रिश्ते को बेहतर बनाने के उपाय
- रोज़ाना छोटे-छोटे इशारे करें – जैसे तारीफ, स्पर्श, या साथ बैठना.
- क्वालिटी टाइम दें – बिना मोबाइल या टीवी के सिर्फ पार्टनर के साथ वक्त बिताएँ.
- इमोशनल हेल्थ पर काम करें – अगर डिप्रेशन, तनाव या असुरक्षा है तो उसका इलाज लें.
- प्रोफेशनल हेल्प लें – कपल काउंसलिंग रिश्ते को नई दिशा दे सकती है. इमोशनल और फिजिकल इंटिमेसी रिश्ते के दो पहिए हैं. अगर एक कमजोर हो तो दूसरा भी प्रभावित होता है. खुला संवाद, संवेदनशीलता और प्रोफेशनल मदद से कपल्स न केवल अपनी अंतरंगता वापस पा सकते हैं, बल्कि अपने रिश्ते को पहले से ज्यादा मजबूत बना सकते हैं.
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