नई दिल्ली : शादी से पहले साथ रहना यानी लिव-इन रिलेशनशिप अब भारत में कई युवा जोड़ों के लिए एक सामान्य विकल्प बनता जा रहा है. लेकिन क्या यह रिश्ता केवल सुविधा है या इसके साथ कुछ ज़िम्मेदारियां और सावधानियां भी जुड़ी हैं?
वरिष्ठ रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. अनामिका मेहरा का कहना है, “लिव-इन रिलेशनशिप आज की पीढ़ी के लिए एक तरह का ‘कमिटमेंट टेस्ट’ है, लेकिन इसमें भावनात्मक, सामाजिक और कानूनी समझदारी बेहद ज़रूरी है.”
Live-in relationship में क्या रखें सावधानियां?
स्पष्टता और सहमति (Clarity & Consent):
Live-in relationship की शुरुआत में ही एक-दूसरे की अपेक्षाओं, सीमाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट कर लेना ज़रूरी है . डॉ. अनामिका कहती हैं, “सिर्फ साथ रहने का निर्णय न लें, यह भी तय करें कि आप रिश्ते से क्या चाहते हैं—प्यार, भविष्य, या केवल अनुभव .”
Relationship Tips : अपने पार्टनर से क्या चाहते हैं पुरुष?
Digital Literacy कैसे बढ़ाएं: टीनएजर्स के लिए गाइड
Teenagers के लिए ‘Self-Defense’ क्यों ज़रूरी है?
Relationship tips: ऐसे रिश्तेदार आपके बच्चे को करते हैं बीमार, Body dysmorphia disorder क्या है? symptoms and treatment?
Relationship Tips: पति-पत्नी कैसे बनाएं रिश्ते को मजबूत?
परिवार को लेकर पारदर्शिता:
यदि दोनों में से किसी एक को परिवार से छिपाकर रिश्ता निभाना पड़ रहा है, तो यह भविष्य में मानसिक तनाव का कारण बन सकता है .
वित्तीय समझौते:
खर्चों की साझेदारी, किराया, बिल आदि पहले ही तय करें . इससे भविष्य में लड़ाई या असहजता से बचा जा सकता है .
स्पेस और प्राइवेसी:
हर रिश्ते में पर्सनल स्पेस ज़रूरी होता है . 24×7 साथ रहने से कई बार चिड़चिड़ापन या घुटन महसूस हो सकती है .
कानूनी जानकारी:
भारत में Live-in relationship को कानूनी मान्यता मिली है, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा, प्रॉपर्टी विवाद या बच्चे से जुड़े मामलों में समझदारी ज़रूरी है .
कानूनी पक्ष भी जानें:
भारत में अगर लिव-इन रिलेशन लंबे समय तक चलता है, तो कोर्ट उसे “मैरेज जैसा रिश्ता” मान सकती है .
महिला को घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act, 2005) के तहत सुरक्षा मिल सकती है .
अगर लिव-इन से कोई बच्चा होता है, तो उसे “वैध संतान” (legitimate child) का दर्जा दिया जाता है .
मनोवैज्ञानिक असर भी समझें:
डॉ. अनामिका बताती हैं, “लिव-इन में आने से पहले मानसिक तैयारी बहुत ज़रूरी है . साथ रहने से रिश्ते का असली चेहरा सामने आता है – और अगर आप तैयार नहीं हैं, तो चीज़ें जल्दी टूट सकती हैं.” वो यह भी कहती हैं कि अगर कोई रिश्ता टॉक्सिक बन जाए – जैसे भावनात्मक या शारीरिक हिंसा – तो तुरंत बाहर निकलने का निर्णय लें और मदद लें .
रिश्ते को सफल बनाने के टिप्स:
- संवाद को हमेशा खुला रखें
- आलोचना की जगह सुझाव दें
- एक-दूसरे के करियर, रुचियों और आज़ादी का सम्मान करें
- झगड़ों को वक्त रहते सुलझाएं
Live-in relationship एक आधुनिक और व्यावहारिक विकल्प हो सकता है, लेकिन यह तभी सफल होता है जब दोनों पार्टनर ईमानदारी, समझदारी और परिपक्वता से रिश्ता निभाएं . यह केवल एक ट्रेंड नहीं, एक गंभीर और ज़िम्मेदार फ़ैसला है .
Leave a Reply