हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बहुत खास माना जाता है. इस पर्व का जश्न देश के हर कोने में देखने को मिलता है. दिवाली का उत्साह से सिर्फ बच्चों ही नहीं बल्कि बड़ों में भी देखने को मिलता है. दिवाली की तैयारी भी कई दिनों पहले से ही शुरु हो जाती है, लेकिन पटाखे जलाते समय की थोड़ी सी लापरवाही भारी हादसे का कारण बन सकती है. हर साल पटाखों से होने वाले छोटे-बड़े जख्म, आग लगना और बच्चों के साथ दुर्घटनाओं की खबरें आती रहती हैं. इसलिए जानना जरूरी है कि पटाखे जलाते समय कौन-कौन सी सावधानियां अपनानी चाहिए.
आम गलतियां जो हादसे का कारण बनती हैं
सड़क या भीड़भाड़ वाले इलाकों में पटाखे जलाना- घर के बाहर या खुले मैदान में ही पटाखे जलाएं, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.
बच्चों को बिना निगरानी पटाखे देना- छोटे बच्चों को फटाके न दें, अगर दें भी तो हमेशा उनकी देखरेख में ही फटाकों का इस्तेमाल करें.
असुरक्षित तरीके से लाइट करना- माचिस या लाइटर सीधे हाथ में पकड़कर जलाना खतरनाक हो सकता है, लॉन्ग हैंडल वाला लाइटर या फ्यूज़ का इस्तेमाल करें.
पटाखों को घर के अंदर जलाना- बंद कमरों में या रसोई में फटाके जलाना आग लगने का सबसे बड़ा कारण है.
स्मोकिंग, शराब या नशे में पटाखे जलाना- नशे की हालत में प्रतिक्रिया धीमी होती है और हादसे का खतरा बढ़ जाता है.
सुरक्षा के आसान टिप्स
हमेशा खुली जगह और पानी के पास पटाखे जलाएं, बचाव के लिए पानी का बाल्टी और फायर एक्सटिंग्विशर पास रखें, पटाखे जलाते समय सुरक्षा चश्मा और दस्ताने पहनें, फटे हुए या खराब पटाखों का इस्तेमाल न करें, पटाखे जलाने के बाद उन्हें तुरंत पानी में डालकर सुरक्षित करें.
अन्य सलाह
“दिवाली की मस्ती का आनंद लें, लेकिन सुरक्षा को नजरअंदाज न करें, सबसे ज्यादा चोटें हाथों, आंखों और पैरों में होती हैं, बच्चों और बुजुर्गों को हमेशा सुरक्षित दूरी पर रखें.”
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